चीन को दंडित करने के मूड में अमेरिका, कोविड-19 को वैश्विक महामारी बनाने का आरोप
अगर चीन थोड़ी सी सक्रियता दिखाता तो आज कोरोना वायरस का संक्रमण महामारी के रूप में नहीं आता। अमेरिका इसे लेकर चीन को दंडित करने के मूड में है।
वाशिंगटन, प्रेट्र। व्हाइट हाउस (White House) ने शुक्रवार को कहा कि चीन ने महामारी के हालात को उचित तरीके से काबू नहीं किया। दरअसल, पिछले साल के अंतिम महीने दिसंबर में चीन के ही वुहान शहर में कोविड-19 का पहला मामला आया था। लेकिन चीन इस महामारी को रोकने और इस पर काबू करने के सवालों पर जवाब देने से कतरा रहा है और गोल मोल सा जवाब देता रहा है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का गुस्सा चीन के प्रति कम नहीं हो रहा है क्योंकि यहां के हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं। उन्होंने शुक्रवार को स्पष्ट कहा कि कोविड-19 के संक्रमण को फैलने के मामले में चीन की लापरवाही सबके सामने हैं और अब उसके सामने बढ़े हुए टैरिफ (अतिरिक्त टैक्स) झेलने का एकमात्र विकल्प है।
इस घातक वायरस ने पूरी दुनिया में अब तक 2,35,000 से अधिक लोगों को मौत की नींद सुला दिया है जिसमें 64,000 अमेरिकी नागरिक हैं। दुनिया भर में अब तक इस वायरस से संक्रमितों का आंकड़ा तीस लाख से अधिक हो गया है। अमेरिका, जर्मनी, ब्रिटेन व ऑस्ट्रेलिया समेत ऐसे अनेक देश हैं जो चीन को महामारी के लिए दोषी ठहरा रहे हैं। गुरुवार को राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन को दंडित करने के लिए टैरिफ के इस्तेमाल का संकेत दिया लेकिन अगले ही दिन मार्केट में गिरावट दर्ज की गई।
इससे पहले अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने भी चीन पर अपना क्रोध उगला था। उन्होंने चीन पर नॉवेल कोरोना वायरस संक्रमण फैलने मामले में जानकारी छिपाने का आरोप लगाया था। विदेश मंत्री पोंपियो ने कहा था कि वैसे तो चीन कह रहा है कि उसने सारी जानकारी दी जबकि हमारे पास इस घातक वायरस के सैंपल तक नहीं हैं। उन्होंने यह भी कहा कि चीन अपने देश के लोगों से बात करने नहीं दे रहा है और इस वायरस के फैलने को लेकर सही जवाब या जानकारी नहीं दे रहा।