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चीन ने बनाया सौर ऊर्जा से चलने वाला Unmanned Aircraft, इन जगहों पर आएगा काम

चीन ने दो साल के रिसर्च के बाद सौर ऊर्जा से चलने वाले एक मानव रहित विमान का सफल परीक्षण किया है। इसका इस्‍तेमाल कई जगहों पर किया जा सकेगा।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Wed, 31 Jul 2019 01:25 PM (IST)Updated: Wed, 31 Jul 2019 02:48 PM (IST)
चीन ने बनाया सौर ऊर्जा से चलने वाला Unmanned Aircraft, इन जगहों पर आएगा काम
चीन ने बनाया सौर ऊर्जा से चलने वाला Unmanned Aircraft, इन जगहों पर आएगा काम

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। भारत में अब तक सौर ऊर्जा से घरों को रोशन करने की ही दिशा में काम किया जा रहा है, लेकिन वहीं चीन और अमेरिका इससे आगे बढ़कर सोलर एनर्जी का इस्तेमाल दूसरी दिशा में करने में लगा है। इस दिशा में नित नई खोज भी की जा रही है। इस दिशा में एक कदम आगे बढ़ते हुए चीन ने सौर ऊर्जा से चलने वाले एक मानवरहित विमान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। यह विमान दो साल की रिसर्च के बाद सामने आया है। अब चीन इस तरह के विमानों को और भी आधुनिक बनाने की दिशा में काम कर रहा है। इस तरह के विमानों का प्राकृतिक आपदाओं के आने और अन्य समय पर उपयोग भी किया जा सकेगा। 

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चीन ने इसका नाम मोजी-2 "MOZI 2" रखा है। चीन ने दो दिन पहले 27 जुलाई को सौर ऊर्जा से चलने वाले इस विमान का सफलतापूर्वक परीक्षण किया है। विमान निर्माता OXAI के अनुसार चीन के वैज्ञानिकों की देखरेख में इस विमान ने पूर्वी चीन के झेजियांग प्रांत के मोंगशान हवाई अड्डे पर सफलतापूर्वक अपनी पहली उड़ान भरी। कंपनी इसकी शुरुआती सफलता से काफी उत्‍साहित हैं।  

MOZI 2 को बनाने वाली कंपनी की ओर से बताया गया कि विमान 15 मीटर के पंखों वाला और पूरी तरह से सौर ऊर्जा से संचालित है। यह विमान अधिकतम 8000 मीटर की ऊंचाई पर उड़ान भर सकता है। इसको पूरी तरह से चार्ज होने में करीब आठ घंटे का समय लगता है जिसके बाद यह 12 घंटे तक उड़ सकता है।  कंपनी के मुताबिक इसका प्रयोग विमान को आपदा राहत, टोही और संचार के लिए भी किया जा सकता है। कंपनी के महाप्रबंधक माओ यिक्विंग ने कहा कि वे 5 जी सेवा प्रदाताओं के साथ मिलकर विमान को और अधिक आधुनिक बनाने की दिशा में काम करेंगे। इससे पहले पूर्वी चीन में एक गाड़ी पर सोलर पैनल लगाए गए थे, इन पैनलों का इस्तेमाल इस गाड़ी को चलाने में किया जा रहा था। 

दरअसल जिस व्यक्ति ने अपनी गाड़ी पर ये सोलर पैनल लगाए थे, उसको गाड़ी चलाने के लिए लाइसेंस नहीं मिल रहा था। तब उस व्यक्ति को अपनी गाड़ी पर सोलर पैनल लगाने का विचार आया जिससे वो बिना अधिक मेहनत के उसे चला सके। इसी सोच के बाद उसने अपनी गाड़ी पर सोलर पैनल लगाया और अब वो उसे चला रहा है। सोलर एनर्जी से चलने वाले वाहन के लिए किसी तरह के लाइसेंस की जरुरत नहीं होती है।  

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