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चीन में प्रदूषण रोकथाम के लिए जारी किया नया सर्कुलर, पीएम 2.5 के स्तर में 10 फीसद कमी का लक्ष्य

चीन ने 2025 तक देश में कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन 2020 के स्तर को 18 प्रतिशत कम करने का लक्ष्य रखा है। इसके साथ ही शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में 10 प्रतिशत की कमी की बात कही गई है।

By Manish PandeyEdited By: Published: Mon, 08 Nov 2021 12:31 PM (IST)Updated: Mon, 08 Nov 2021 12:31 PM (IST)
चीन में प्रदूषण रोकथाम के लिए जारी किया नया सर्कुलर, पीएम 2.5 के स्तर में 10 फीसद कमी का लक्ष्य
सर्कुलर में पारिस्थितिकी पर्यावरण में सुधार के प्रमुख लक्ष्यों का विवरण दिया गया है।

 बीजिंग, आइएएनएस। चीन ने बढ़ते वायु प्रदुषण को कम करने के लिए उपाय करने शुरू कर दिए हैं। अधिकारियों ने देश में बढ़ते प्रदूषण के संकट को रोकने और नियंत्रित करने के लिए चल रही लड़ाई को बढ़ावा देने के लिए नया सर्कुलर जारी किया है। समाचार एजेंसी सिन्हुआ की रिपोर्ट के अनुसार, चीन की केंद्रीय समिति और राज्य परिषद की कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा संयुक्त रूप से जारी किए गए सर्कुलर में पारिस्थितिकी पर्यावरण में सुधार के प्रमुख लक्ष्यों का विवरण दिया गया है।

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सर्कुलर के अनुसार, 2025 तक देश के सकल घरेलू उत्पाद की प्रति यूनिट कार्बन डाइआक्साइड उत्सर्जन 2020 के स्तर से 18 प्रतिशत कम हो जाएगा। इसके साथ ही शहरों में पीएम 2.5 के स्तर में 10 प्रतिशत की कमी और अच्छी वायु गुणवत्ता वाले दिनों का अनुपात 87.5 प्रतिशत तक पहुंचने की बात कही गई है। इसके अलावां अच्छी गुणवत्ता वाले सतही जल का अनुपात इस अवधि के दौरान 85 प्रतिशत से ऊपर का तय किया गया है। सर्कुलर में आगे कहा गया है कि 2035 तक कार्बन उत्सर्जन स्थिर हो जाएगा और अपने चरम पर पहुंचने के बाद इसमें गिरावट आएगी और देश के पारिस्थितिक पर्यावरण में मौलिक सुधार देखने को मिलेगा।

इसस पहले वायु प्रदूषण के कारण चीन के सभी राजमार्ग और खेल के मैदानों को बंद करने का आदेश जारी किया था। बीजिंग की नगरपालिका स्तरीय सरकार ने अत्यधिक वायु प्रदूषण के कारण येलो अलर्ट जारी किया है। यह अलर्ट गुरुवार को शाम चार बजे से लागू किया गया। सबसे भीषण वायु प्रदूषण के लिए चीन में सबसे कड़ी चेतावनी के लिए रेड अलर्ट जारी किया जाता है। इसमें सबसे पहले क्रमश: ब्लू, येलो और आरेंज आता है।

चीन ने पिछले हफ्ते कहा था कि उसने नियमित कोयला उत्पादन को दस लाख टन से भी अधिक बढ़ा दिया है। ताकि बिजली की कमी न हो। दरअसल हाल के कुछ महीनों में बिजली संकट से जूझ रहे चीन को अपनी की फैक्टि्रयों को बिजली आपूर्ति नहीं होने की वजह से बंद करना पड़ा था। 


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