तिब्बत में लड़ाकू विमान तैनात कर रहा है चीन, डोकलाम मामले पर हार नहीं पचा पा रहा है बीजिंग
बीजिंग ने तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमान तिब्बत में अत्यंत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात कर रहा है।
बीजिंग, प्रेट्र। डोकलाम मामले पर मिली हार को चीन पचा नहीं पा रहा है। लिहाजा वह सीमा पर एक बार फिर गतिविधि तेज कर चुका है। बीजिंग ने तीसरी पीढ़ी के लड़ाकू विमान तिब्बत में अत्यंत ऊंचाई वाले क्षेत्रों में तैनात कर रहा है। यह जानकारी गुरुवार को मीडिया रिपोर्ट में दी गई है।
चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी ने वीडियो फुटेज भी पोस्ट किए हैं। फुटेज में सोमवार को बर्फ से ढंके पहाड़ पर चेंगडु जे-10 और शेनयांग जे-11 लड़ाकू विमानों को उड़ान भरते दिखाया गया है। ऊंचाई पर उड़ान भरते समय इंजनों की समस्या से उबर जाना बीजिंग के लिए राहत की बात है और तिब्बत में उसकी वायुसेना की सक्रियता भारत के लिए चिंताजनक है।
पहले खबर आई थी कि चीन ने सीमा पर जासूसी के लिए मानवरहित हेलीकॉप्टर और ड्रोन तैनात करने की योजना बनाई है। हालांकि अब खुफिया रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने तिब्बत में भारी संख्या में अपने लड़ाकू विमानों को तैनात किया है। डोकलाम विवाद के बाद इस साल फरवरी में चीन की वायुसेना की यह सबसे बड़ी तैनाती है।
खुफिया सूत्रों के मुताबिक, चीन अक्साई चीन में वास्तविक नियंत्रण रेखा से 10 किलोमीटर दूर तक उपग्रह के माध्यम से नजर भी रख रहा है। बाईडु नेविगेशन सेटेलाइट सिस्टम के जरिए चीन सीमा पर कड़ी नजर रख रहा है।
रक्षा विशेषज्ञों का मानना है कि तिब्बत में वायुसेना और सेना की तैनाती भारत पर मनोवैज्ञानिक दबाव बनाने के लिए किया जा रहा है। भारत को इससे सावधान रहने की जरूरत है।