चीन ने एक चौथाई विदेशी मीडिया वेबसाइटों पर लगाया प्रतिबंध
प्रतिबंधित वेबसाइटों में बीबीसी ब्लूमबर्ग द गार्डियन द न्यूयॉर्क टाइम्स द वॉल स्ट्रीट जर्नल वॉशिंगटन पोस्ट और योमीयूरी सिम्बन आदि शामिल हैं।
बीजिंग, एएफपी। चीन ने देश में काम करने वाले विदेशी समाचार संगठनों के एक वर्ग पर रोक लगा दी है। इसके बाद वहां के नागरिक इन संस्थानों की वेबसाइटों की खबरें देख और पढ़ नहीं सकेंगे। प्रतिबंधित वेबसाइटों में बीबीसी, ब्लूमबर्ग, द गार्डियन, द न्यूयॉर्क टाइम्स, द वॉल स्ट्रीट जर्नल, वॉशिंगटन पोस्ट और योमीयूरी सिम्बन आदि शामिल हैं।
प्रेस पर निगरानी रखने वाली संस्था फॉरेन कॉरेस्पोंडेंट्स क्लब ऑफ चाइना (एफसीसीसी) ने एक बयान में कहा, दरअसल चीन के नागरिक अब 215 अंतरराष्ट्रीय समाचार संगठनों में से 23 फीसद का उपयोग नहीं कर सकेंगे। इन समाचार संगठनों के पत्रकार चीन में काम करते हैं। एफसीसीसी ने बताया कि मुख्य रूप से अंग्रेजी में काम करने वाले 31 फीसद समाचार संगठनों पर रोक लगाई गई है।
इतना ही नहीं कुछ दिन पहले माइक्रोसॉफ्ट का सर्च इंजन बिंग चीन में नहीं खुला था। तब भी लोगों को लगा था कि कहीं यह नई विदेशी वेबसाइट ना हो जिस पर चीन के सेंसर ने प्रतिबंध लगा दिया हो। चीन में बिंग सर्च इंजन के यूआरएल ‘सीएन डॉट बिंग डॉट कॉम’ को खोलने पर गलत पता (एरर) का संदेश दिख रहा था।
माइक्रोसॉफ्ट के प्रवक्ता ने उस समय कहा था कि हम पुष्टि करते हैं कि मौजूदा समय में बिंग को चीन में नहीं खोला जा सकता है। हम आगे की कार्रवाई में लगे हुए हैं। उन्होंने कहा था कि कंपनी इस मामले की जांच कर रही है।
चीन की साम्यवादी व्यवस्था में ऑनलाइन सेंसरशिप भी लगायी जाती है। इसे प्रौद्योगिकी जगत में ग्रेट फायरवाल के तौर पर जाना जाता है।
गौरतलब है कि चीन में पहले से ही गूगल, फेसबुक और यूट्यूब जैसी साइट्स पर बैन लगा हुआ है। यहां तक कि चीन के लोग माइक्रोब्लॉगिंग साइट ट्विटर भी इस्तेमाल नहीं कर सकते। चीन में सर्च इंजन के लिए लोग बायडू और सोशल मीडिया साइट्स के तौर पर वीबो का इस्तेमाल करते हैं।