कोरोना महामारी देने वाले चीन को नफरत है शाकाहार से, स्कूल में बच्चों को मीट ना देने का मुद्दा गर्माया
मामला इंटरनेट मीडिया में भी आने के बाद बहस का मुद्दा बन गया। कोरोना के दौरान हालात देखकर शाकाहार की तरफ लौटने वाली जनता और मांसाहार समर्थकों के बीच मुद्दा गरम हो गया। दोनों ही तरफ से अपने तर्क दिए जा रहे थे।
बीजिंग, एजेंसियां। चीन के दक्षिण पश्चिम क्षेत्र के चेंगदू शहर में बच्चों का एक स्कूल चीनी अफसरों के निशाने पर महज इसलिए आ गया, क्योंकि उस स्कूल में खाने में मीट नहीं दिया जा रहा था। मामला उस समय और भी बढ़ गया, जब इंटरनेट मीडिया पर कुछ लोगों ने बच्चों को मीट न दिए जाने की तारीफ कर दी। चीनी अधिकारियों ने उक्त स्कूल में खाने में मीट को शामिल करने का निर्देश दिया है।
जानकारी के अनुसार चेंगदू के छोटे बच्चों के एक स्कूल में पिछले कुछ समय से खाने में मीट न देकर अंडा-दूध और फल दिए जा रहे थे। इस डाइट की तारीफ वहां बच्चों के अभिभावकों ने भी करना शुरू कर दिया। मामला इंटरनेट मीडिया में भी आने के बाद बहस का मुद्दा बन गया। कोरोना के दौरान हालात देखकर शाकाहार की तरफ लौटने वाली जनता और मांसाहार समर्थकों के बीच मुद्दा गरम हो गया। दोनों ही तरफ से अपने तर्क दिए जा रहे थे।
इस मामले में शाकाहारियों ने चीनी संत कन्फ्यूशियस का भी उदाहरण दिया। जो पूरी तरह से शाकाहारी थे। चीन में शाकाहारी भोजन को कन्फ्यूशियस डाइट भी कहा जाता है। अब चीनी अधिकारियों ने उक्त स्कूल में बच्चों को मीट देने के निर्देश देकर बहस को खत्म करा दिया है।
ज्ञात हो कि कोरोना महामारी के दौरान वुहान के एनीमल मार्केट से कोरोना महामारी फैलने की बातें सामने आने के बाद घोर मांसाहारी चीनी जनता के बीच भी शाकाहारी भोजन लोकप्रिय हो रहा है। यहां शाकाहारी व्यंजन परोसने वाले होटल और रेस्टोरेंट की संख्या भी तेजी से बढ़ रही है। साथ ही योगा भी अच्छा-खासा लोकप्रिय हो रहा है।