Move to Jagran APP

ट्रेड वार से छटेंगे संकट के बादल, चीन ने दिए नरमी के संकेत

चिनफिंग ने सीधे तौर पर अमेरिका का नाम नहीं लिया, लेकिन उसकी तमाम चिंताओं को दूर करने का भरोसा जरूर दिलाया।

By Manish NegiEdited By: Published: Tue, 10 Apr 2018 10:38 PM (IST)Updated: Tue, 10 Apr 2018 10:38 PM (IST)
ट्रेड वार से छटेंगे संकट के बादल, चीन ने दिए नरमी के संकेत
ट्रेड वार से छटेंगे संकट के बादल, चीन ने दिए नरमी के संकेत

बीजिंग, प्रेट्र। दुनिया में ट्रेड वार के संकट के बादल छंटते नजर आ रहे हैं। दूसरा कार्यकाल संभालने के बाद अपने एक अहम संबोधन में चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने इस संबंध में तमाम चिंताओं को दूर करने की बात कही। उन्होंने कहा कि चीन ऑटो आयात पर शुल्क कम करेगा और विदेशी कंपनियों की बौद्धिक संपदा की रक्षा सुनिश्चित करेगा।

prime article banner

चिनफिंग ने सीधे तौर पर अमेरिका का नाम नहीं लिया, लेकिन उसकी तमाम चिंताओं को दूर करने का भरोसा जरूर दिलाया। बोआओ फोरम फॉर एशिया में अपने संबोधन में चिनफिंग ने कहा कि चीन को किसी तरह के ट्रेड सरप्लस की चाहत नहीं है। चीन गंभीरता से आयात बढ़ाना चाहता है और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इसमें संतुलन चाहता है। अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से इस संबंध में कदम उठाने को कहा है। चीन के साथ व्यापार में अमेरिका का व्यापार घाटा 375 अरब डॉलर है, जिसे ट्रंप ने एक महीने में घटाकर 100 अरब डॉलर करने को कहा है।

चिनफिंग ने ऑटोमोबाइल में निवेश को उदार करने और कारों पर आयात शुल्क को कम करने का भी वादा किया है। उन्होंने बौद्धिक संपदा की सुरक्षा को लेकर विदेशी कंपनियों की चिंता दूर करने का भरोसा भी दिलाया है। उन्होंने कहा कि दुनिया खुलेपन और कनेक्टिविटी की दिशा में बढ़ रही है। इस समय इनोवेशन को लेकर भी लोगों को रुझान बढ़ा है। इन्हें नकारने वाला पीछे रह जाएगा। ट्रंप के हालिया कदमों की चिनफिंग निंदा भी की। उन्होंने कहा कि गलत कदम उठाकर खुद को बचाने की नीति किसी के काम नहीं आएगी। इस बीच, इस्पात और एल्युमीनियम के आयात पर भारी-भरकम शुल्क लगाने के अमेरिका के फैसले की चीन ने विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में शिकायत दर्ज कराई है।

जुकाम को कीमोथेरेपी से ठीक करने जैसा है ट्रेड वार

चीन की ई-कॉमर्स कंपनी अलीबाबा के संस्थापक जैक मा ने ट्रेड वार की मौजूदा स्थिति को बेजा बताया है। उन्होंने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के बीच व्यापार को लेकर समस्याएं होना स्वाभाविक है। इससे निपटने के लिए ट्रेड वार की स्थिति बना देना ऐसा ही है जैसे जुकाम का इलाज कोई कीमोथेरेपी से करने का प्रयास करे। इससे जुकाम ठीक नहीं होगा, बल्कि पूरा शरीर खतरे में आ जाएगा। उल्लेखनीय है कि कीमोथेरेपी का इस्तेमाल कैंसर के इलाज में होता है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.