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आजादी पर पहरा: पत्रकारों और विदेशी छात्रों पर ड्रैगन की पैनी नजर, कैमरों से होगी निगरानी

चीन के सबसे बड़े प्रांत में सुरक्षा अधिकारियों ने पत्रकारों अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अन्य संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए एक निगरानी प्रणाली बनाई है। इसके तहत हेनान प्रांत में तीन हजार ऐसे कैमरे लगाए गए हैं जिनसे चेहरे की पहचान की जा सके।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Mon, 29 Nov 2021 06:56 PM (IST)Updated: Mon, 29 Nov 2021 07:04 PM (IST)
आजादी पर पहरा: पत्रकारों और विदेशी छात्रों पर ड्रैगन की पैनी नजर, कैमरों से होगी निगरानी
आजादी पर पहरा: पत्रकारों और विदेशी छात्रों पर ड्रैगन की पैनी नजर, कैमरों से होगी निगरानी ।

बीजिंग, एजेंसी। चीन के सबसे बड़े प्रांत में सुरक्षा अधिकारियों ने पत्रकारों, अंतरराष्ट्रीय छात्रों और अन्य संदिग्ध लोगों पर नजर रखने के लिए एक निगरानी प्रणाली बनाई है। हेनान की प्रांतीय सरकार ने विगत 29 जुलाई को एक टेंडर जारी किया था, जिसमें मीडिया से जुड़े लोगों के प्रांत में आने पर उनका ब्योरा एकत्र करने की प्रणाली विकसित की गई है।

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हेनान प्रांत में तीन हजार ऐसे कैमरे लगाए गए

इसके तहत हेनान प्रांत में तीन हजार ऐसे कैमरे लगाए गए हैं, जिनसे चेहरे की पहचान की जा सके। इन कैमरों को राष्ट्रीय और क्षेत्रीय डाटाबेस से जोड़ा गया है। इसके लिए 17 सितंबर को एक चीनी तकनीकी कंपनी नियोसाफ्ट से 7,82,000 डालर का करार किया गया था। इस कंपनी को अपना काम दो महीने में पूरा करना था, जो अब खत्म हो चुका है।

निगरानी के लिए अत्यधिक निगरानी तंत्र विकसित कर रहा है चीन

बताया जाता है कि चीन दुनिया का अत्यधिक आधुनिक निगरानी तंत्र विकसित करना चाहता है। सार्वजनिक स्थलों पर लाखों कैमरे लगा कर स्मार्ट फोन और फेशियल रिक्गनिशन के जरिये लोगों पर नजर रखी जाएगी। इस घटनाक्रम पर नजर रखने वाली अमेरिकी निगरानी एजेंसी आइपीवीएम के मुताबिक सार्वजनिक सुरक्षा के नाम पर विशेष रूप से पत्रकारों और विदेश से पढ़ने आए छात्रों पर खास तौर पर इससे नजर रखी जाएगी।

चीन में आजादी का सम्‍मान नहीं

दिन-ब-दिन चीन की छवि दुनिया भर में धूमिल हो रही है। यह बात प्यू द्वारा किए गए एक रिसर्च सर्वे में सामने आई थी। अमेरिका में 90 फीसद लोगों का कहना है कि चीन में लोगों की व्यक्तिगत आजादी को इज्जत हासिल नहीं है। इसमें 93 फीसद लोग रिपब्लकिन और 87 फीसद लोग डेमोक्रेटिक विचारधारा को समर्थन करने वाले थे। कनाडा में 88 फीसद, स्वीडन में 95 फीसद, नीदरलैंड में 91 फीसद, इटली में 89 फीसद, बेल्जियम में 88 प्रतिशत, स्पेन में 87 फीसद, जर्मनी में 85 फीसद, ब्रिटेन में 84 फीसद, फ्रांस में 83 फीसद, ग्रीस में 75 फीसद लोग मानते हैं कि चीन में लोगों की व्यक्तिगत स्वतंत्रता को सम्मान नहीं मिलता है।


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