1962 को भूल गया चीन, बोला- भारत से कभी नहीं किया युद्ध, जमीन भी नहीं कब्जाई
चीन और भारत के बीच 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर विवाद अब भी बरकरार है। सीमा विवाद को सुलझाने के लिए 21 दौर की बातचीत हो चुकी है।
बीजिंग, प्रेट्र। भारत के साथ वर्ष 1962 में हुए युद्ध और अब तक जारी सीमा विवाद पर पर्दा डालते हुए चीन ने दावा किया है कि उसने एक भी युद्ध या संघर्ष नहीं किया। न ही उसने किसी विदेशी जमीन पर कब्जा किया है।
सीपीसी के नेतृत्व के 70 वर्ष पूरे होने पर श्वेतपत्र जारी
एक अक्टूबर को सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) के नेतृत्व के 70 वर्ष पूरे होने से चार दिन पहले बीजिंग में जारी एक आधिकारिक श्वेतपत्र में कहा गया, 'चीन हमेशा बातचीत और परामर्श से क्षेत्रीय तथा समुद्री सीमा विवादों के समाधान के लिए समर्पित रहा है।'
'चाइना एंड द वर्ल्ड इन द न्यू एरा' शीर्षक वाले श्वेतपत्र में कहा गया है, 'चीन वास्तविक कार्रवाइयों के माध्यम से दुनिया में शांति का संरक्षण करता है। पिछले 70 वर्षो में चीन ने एक भी लड़ाई या संघर्ष नहीं किया, न ही जरा सी भी विदेशी जमीन कब्जाई।' हालांकि, श्वेतपत्र में 1962 में भारत के साथ युद्ध का कोई जिक्र नहीं किया गया है।
चीन और भारत के बीच 3488 किलोमीटर लंबी वास्तविक नियंत्रण रेखा को लेकर विवाद अब भी बरकरार है। अभी तक दोनों देशों की सीमा विवाद को सुलझाने के लिए विशेष प्रतिनिधियों की 21 दौर की बातचीत हो चुकी है।
वर्ष 1962 के युद्ध के बाद भारत और चीन के बीच वर्ष 2017 में डोकलाम में सैन्य गतिरोध की स्थिति रही थी। इस गतिरोध को आखिरकार कूटनीतिक तरीके से सुलझा लिया गया, जिसके बाद दोनों पक्षों ने अपने सैनिक वहां से हटा लिए। चीन का वर्ष 1979 में वियतनाम से भी बड़ा सैन्य युद्ध हुआ था।
चीन पूरे दक्षिण चीन सागर पर अपना दावा करता है। वियतनाम, मलेशिया, फिलीपींस, ब्रुनेई और ताइवान के दावे इसके विपरीत हैं। चीन की 20 लाख जवानों की सेना अब भी दुनिया में सबसे बड़ी सेना है।