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आरोपों से घिरे चीन का झूठा दावा, 'उइगर' को बताया दुनिया का सर्वाधिक प्रसन्न मुस्लिम समुदाय

चीन पर जहां चारों ओर से एक के बाद एक आरोप लग रहे हैं लेकिन वहींं वह सफाई देने में जुटा है और अब उसने उइगर समुदाय को लेकर झूठा दावा किया है जबकि सारे सबूत उसके खिलाफ बयान दे रहे हैं

By Monika MinalEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 08:51 AM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 08:51 AM (IST)
आरोपों से घिरे चीन का झूठा दावा, 'उइगर' को बताया दुनिया का सर्वाधिक प्रसन्न मुस्लिम समुदाय
आरोपों से घिरे चीन का झूठा दावा, 'उइगर' को बताया दुनिया का सर्वाधिक प्रसन्न मुस्लिम समुदाय

न्यूयार्क, एएनआइ। चीन की सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों का दावा है कि वहां रहने वाले अल्पसंख्यक समुदाय उइगर ( Uyghur) दुनिया भर में रहने वाले मुस्लिमों की तुलना में सबसे अधिक प्रसन्न मुस्लिम हैं। चीन की हकीकतों से दुनिया वाकिफ हो रही है विशेषकर वहां रहने वाले अल्पसंख्यक उइगर मुस्लिमों के प्रति जिनका वहां शोषण किया जा रहा है। हालांकि उत्तर पश्चिम चीन स्थित शिनजियांग प्रांत में लोगों के साथ हो रहे हादसों का जिक्र कुछ और ही है।

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दरअसल, चीन में मानवाधिकारों के हनन, अल्पसंख्यकों के नस्लीय-जातीय संहार के मुद्दे पर दुनिया बीजिंग को आड़े हाथों लेने को तैयार है। इसमें चीन के सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के अधिकारियों की करतूतों को भा शामिल किया गया है। यहां रहने वाले उइगर मुस्लिमों को चीन हिरासत कैंप में भेजकर उनके साथ अमानवीय व्यवहार करता है। इसके अलावा चीन अपनी बर्बरता का उदाहरण उइगर समुदाय की नस्लीय पहचान तक मिटाने से लेकर समुदाय में महिलाओं की जबरन नसबंदी करने के साथ गर्भवती महिलाओं के बच्चों को खत्म कर पेश कर रहा है।

उइगर मुस्लिमों की दयनीय हालात को देखते हुए दुनिया भर में एक्टिविस्ट ने मौजूदा अमेरिकी प्रशासन से आग्रह मिहरीगुल टुरसन (Mihrigul Tursun) जैसे पीड़ितों की समस्याओं को सामने लाए। 2018 में टुरसुन ने अपील की थी, 'मेरा शोषण करने वालों और अन्य निर्दोष उइगरों समेत मेरे बच्चे की हत्या करने वाले चीनी अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें।' 

अमेरिका ने उइगर मुस्लिमों के खिलाफ कथित अत्याचार के लिए शिनजियांग प्रोडक्शन एंड कंसट्रक्शन कोर्प और उसके कमांडर पर प्रतिबंध लगा दिए हैं। इन प्रतिबंधों का मतलब है कि अमेरिका में इन संगठनों और व्यक्तियों की किसी भी संपत्ति को कुर्क किया जा सकता है। यही नहीं अमेरिकियों के इनके साथ व्यापार करने की मनाही होगी।

इसी महीने भारतीय मूल के अमेरिकियों ने भारत के प्रति चीन की आक्रामकता और उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकार उल्लंघन के खिलाफ अमेरिका की संसद के सामने प्रदर्शन किया था। सभी प्रदर्शनकारियों ने चीन विरोधी पोस्टर, बैनर दिखाने के साथ ही कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ चाइना (सीपीसी) और उसके नेताओं के खिलाफ नारेबाजी की।


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