चीन में सातवीं जनगणना का कार्य शुरू, 70 लाख कर्मचारी काम करेंगे, छठी जनगणना 2010 में हुई थी
नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन के प्रमुख निंग जिझे ने बताया कि जनगणना में घर-घर जाकर नाम आईडी नंबर लिंग वैवाहिक स्थिति शिक्षा और व्यवसाय के बारे में जानकारी की जाएगी। सटीक जनगणना से विकास कार्यो को वैज्ञानिक तरीके से काम करने में मदद मिलेगी।
बीजिंग, एजेंसी। जनसंख्या के लिहाज से विश्व के सबसे बड़े देश चीन में सातवीं जनगणना का कार्य शुरू हो गया है। इसमें सत्तर लाख कर्मचारी घर-घर जाकर जानकारी जुटाएंगे। समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार चीन में छठी जनगणना 2010 में हुई थी। उस समय की जनगणना के मुताबिक चीन की आबादी एक अरब 33 करोड़ थी।
2000 की जनगणना की अपेक्षा 2010 में चीन की आबादी लगभग 7 करोड़ 40 लाख बढ़ी थी। यह चीन की आबादी में 5.84 फीसद वृद्धि थी। नेशनल डेवलपमेंट एंड रिफॉर्म कमीशन के प्रमुख निंग जिझे ने बताया कि जनगणना में घर-घर जाकर नाम, आईडी नंबर, लिंग, वैवाहिक स्थिति, शिक्षा और व्यवसाय के बारे में जानकारी की जाएगी। सटीक जनगणना से विकास कार्यो को वैज्ञानिक तरीके से काम करने में मदद मिलेगी।
एक वर्ष पूर्व चीन की जनसंख्या 2029 तक 1.44 अरब हो जाएगी, जिसके बाद इसमें नहीं रुकने वाली गिरावट का सिलसिला शुरू होगा। एक सरकारी रिपोर्ट में यह जानकारी दी गई थी। वर्ष 2019 में चाइना एकेडमी ऑफ सोशल साइंसेज (सीएएसएस) ने चेताया था कि देश को कम कार्यबल और अधिक उम्र वालों की एक बड़ी आबादी को संभालने के लिए नीतियों को लागू करना होगा। रिपोर्ट में कहा गया था कि युवाओं की संख्या में कमी और वृद्धों की संख्या में वृद्धि से बेहद प्रतिकूल सामाजिक और आर्थिक परिणाम पैदा होंगे।
दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले देश ने 2015 में ऐसी समस्याओं से निपटने के लिए अपनी एक संतान वाली नीति को समाप्त कर दिया था। संयुक्त राष्ट्र के नवीनतम अनुमानों के अनुसार, चीन की आबादी 1.41 अरब है। सदी के मध्य तक चीन की आबादी के घटकर 1.36 अरब होने का अनुमान है जिससे सीधे तौर पर श्रम शक्ति में 20 करोड़ की गिरावट हो सकती है। इस रिपोर्ट के अनुसार एक बच्चे की नीति में ढील देने से दीघार्वधि में मदद मिलेगी, लेकिन अल्पावधि में इससे अधिक आश्रितों के पैदा होने की संभावना है।