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चीन ने भारतीय अखबारों और वेबसाइटों पर लगाई रोक, केबल नेटवर्क से टीवी चैनल भी गायब

सूचनाओं को दबाने के लिए कुख्यात चीन की कम्युनिस्ट सरकार में लोग भारतीय अखबारों और वेबसाइटों को नहीं पढ़ पा रहे हैं।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Tue, 30 Jun 2020 09:13 PM (IST)Updated: Tue, 30 Jun 2020 09:13 PM (IST)
चीन ने भारतीय अखबारों और वेबसाइटों पर लगाई रोक, केबल नेटवर्क से टीवी चैनल भी गायब
चीन ने भारतीय अखबारों और वेबसाइटों पर लगाई रोक, केबल नेटवर्क से टीवी चैनल भी गायब

बीजिंग, एएनआइ। लद्दाख की गलवन घाटी में चल रहे तनाव के बीच चीन ने भारतीय समाचारपत्रों और वेबसाइटों पर रोक लगा दी है। जबकि, भारत में चीनी अखबारों और वेबसाइटों पर किसी तरह की रोक नहीं है।

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सूचनाओं को दबाने के लिए कुख्यात है चीन की कम्युनिस्ट सरकार

सूचनाओं को दबाने के लिए कुख्यात चीन की कम्युनिस्ट सरकार में लोग भारतीय अखबारों और वेबसाइटों को नहीं पढ़ पा रहे हैं। वो सिर्फ वर्चुअल प्राइवेट नेटवर्क (वीपीएन) सर्वर के जरिए ही भारतीय मीडिया की वेबसाइट को खोल सकते हैं।

केबल नेटवर्क और डीटीएच प्लेटफार्म से भारतीय टीवी चैनल भी गायब

चीन में केबल नेटवर्क और डीटीएच से भारतीय टीवी चैनल भी गायब हो गए हैं। भारतीय टीवी चैनलों को केवल इंटरनेट प्रोटोकॉल (आइपी) टीवी यानी इंटरनेट के जरिए ही देखा जा सकता है। इसके अलावा कम्युनिस्ट शासन वाले चीन में पिछले दो दिनों से आइफोन और डेस्कटॉप पर एक्सप्रेस वीपीएन भी काम करना बंद कर दिया है।

सरकारी इंटरनेट कनेक्शन से प्राइवेट नेटवर्क बनाने की सुविधा

वीपीएन एक ऐसा शक्तिशाली टूल है जो उपयोगकर्ताओं को सरकारी इंटरनेट कनेक्शन से प्राइवेट नेटवर्क बनाने की सुविधा प्रदान करता है। इसमें उपयोगकर्ता की निजता और पहचान भी छिपी रहती है। वीपीएन आइपी एड्रेस को छिपा देता है, जिससे यूजर के ऑनलाइन एक्शन का पता नहीं लग पाता, लेकिन चीन ने ऐसी तकनीक बना ली है, जिससे वह वीपीएन को भी ब्लॉक कर देता है।

चीन ने उसके 59 एप पर प्रतिबंध लगाने से पहले ही भारतीय अखबारों, वेबसाइटों पर रोक लगा दी थी

चीन ने भारत सरकार द्वारा उसके 59 एप पर प्रतिबंध लगाए जाने से पहले ही भारतीय अखबारों और वेबसाइटों पर रोक लगा दी थी। चीन की कम्युनिस्ट सरकार अपने देश के लोगों की ऑनलाइन गतिविधियों पर सख्त निगरानी रखती है। वह ऐसी किसी भी वेबसाइट या लिंक को ब्लॉक कर देती है, जो उसके अनुकूल नहीं होते।

'ग्रेट फायरवाल' प्रणाली विकसित की है

चीन ने अपने यहां ऐसी प्रणाली विकसित कर रखी है, जिससे उसके नागरिकों को लोकतंत्र की हवा न लगने पाए। उसने ऑनलाइन सूचनाओं को रोकने के लिए 'ग्रेट फायरवाल' नाम से एक अत्याधुनिक तकनीक विकसित की है। चीन सरकार आइपी एड्रेस को ब्लॉक करने के साथ ही अन्य कई तरह के उपायों से मीडिया पर नियंत्रण रखती है।

10 हजार वेबसाइट प्रतिबंधित

हांगकांग से प्रकाशित होने वाले अखबार साउथ चाइना मार्निग पोस्ट में नवंबर में छपे एक लेख के मुताबिक चीन ने 10 हजार से अधिक वेबसाइटों पर प्रतिबंध लगा रखा है। इनमें सोशल मीडिया प्लेटफार्म फेसबुक, इंस्टाग्राम, वॉट्सएप, समाचारपत्रों व वेबसाइट ब्लूमबर्ग, द वाल स्ट्रीट जनरल, द न्यूयॉर्क टाइम्स, ड्रॉपबॉक्स, गूगल ड्राइव इत्यादि शामिल हैं।


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