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चीन ने अमेरिका के 11 राजनेताओं पर लगाया प्रतिबंध, हांगकांग के मुद्दों को बेवजह तूल देने का लगाया आरोप

विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को कहा इन 11 अमेरिकी राजनेताओं ने हांगकांग के मुद्दों को बेवजह का तूल दिया है।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Mon, 10 Aug 2020 05:56 PM (IST)Updated: Mon, 10 Aug 2020 05:56 PM (IST)
चीन ने अमेरिका के 11 राजनेताओं पर लगाया प्रतिबंध, हांगकांग के मुद्दों को बेवजह तूल देने का लगाया आरोप
चीन ने अमेरिका के 11 राजनेताओं पर लगाया प्रतिबंध, हांगकांग के मुद्दों को बेवजह तूल देने का लगाया आरोप

बीजिंग, एजेंसियां। हांगकांग में लोकतांत्रिक मूल्यों को बढ़ावा देने के आरोप में चीन ने अमेरिका के 11 राजनेताओं और कुछ संगठनों के प्रमुखों के खिलाफ प्रतिबंध की घोषणा की है। यह प्रतिबंध किस तरह के होंगे, इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। जिनके खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें सीनेटर मार्को रूबियो और टेड क्रूज के साथ ही प्रतिनिधि सभा के सदस्य क्रिस स्मिथ भी शामिल हैं। रूबियो, क्रूज और स्मिथ पर पिछले महीने ही बीजिंग यात्रा प्रतिबंध लगा चुका है।

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विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता झाओ लिजियान ने सोमवार को कहा, 'इन 11 अमेरिकी राजनेताओं ने हांगकांग के मुद्दों को बेवजह का तूल दिया है।' चीन ने पिछले महीने इस अर्ध स्वायत्त क्षेत्र में असहमति की आवाजों को दबाने के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू किया था।

अमेरिका ने हांगकांग और चीन के अधिकारियों के खिलाफ की थी कार्रवाई

बता दें कि चीन ने यह कदम अमेरिका की उस कार्रवाई के बाद उठाया है, जिसमें उसने राष्ट्रीय सुरक्षा कानून का हवाला देकर हांगकांग और चीन के अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई की थी। जिन अन्य अमेरिकी नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की गई है, उनमें सीनेटर जोश हावले और टॉम कॉटन हैं। इसके अलावा प्रतिनिधि सभा के सदस्य क्रिस स्मिथ पर भी प्रतिबंध लगाने की घोषणा की गई है। नेशनल एंडोमेंट फॉर डेमोक्रेसी एंड फ्रीडम हाउस सहित कई दूसरे संगठनों के प्रमुखों के खिलाफ भी प्रतिबंध की घोषणा की गई है।

गौरतलब है कि हांगकांग में राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू होने के बाद वहां पर चीन के खिलाफ कुछ भी बोलना अपराध की श्रेणी में आ जाएगा और उसके लिए कड़े दंड का प्रावधान होगा। इसी प्रकार से हांगकांग में विदेशी गतिविधियां भी सीमित हो जाएंगी। जानकारों का मानना है कि इससे वहां की आर्थिक स्थिति भी प्रभावित होगी। हांगकांग को सशर्त हस्तांतरण के समय से ही कई तरह की स्वतंत्र गतिविधियों के अधिकार प्राप्त हैं, जो चीन की मुख्य भूमि के लोगों को नहीं हैं।


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