कोरोना वायरस के संक्रमण को लेकर चीन और डब्ल्यूएचओ के परस्पर विरोधी दावे, जानें क्या है पूरा मामला
जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमण को लेकर चीन और डब्ल्यूएचओ ने परस्पर विरोधी दावा किया है।
बीजिंग, एजेंसियां। जानलेवा कोरोना वायरस से संक्रमण को लेकर चीन और डब्ल्यूएचओ ने परस्पर विरोधी दावा किया है। बीजिंग जहां वायरस संक्रमण के नए मामलों में कमी आने का दावा किया है, वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) ने चीन में बढ़ते मामलों पर चिंता जताई है। डब्ल्यूएचओ के अध्यक्ष तेदरोस अदहानोम ने कहा है कि यह कहना मुश्किल है कि अब यह महामारी कहां--कहां फैलेगी।
एक दिन में 2641 नए मामले दर्ज
चीन के राष्ट्रीय स्वास्थ्य आयोग के मुताबिक, शनिवार को संक्रमण के जहां 2641 नए मामले दर्ज किए गए थे, वहीं रविवार को 2009 नए मामलों की पुष्टि हुई। इस तरह देश में वायरस के रोगियों की संख्या बढ़कर 68,500 हो गई है। संक्रमण के जो नए मामले दर्ज किए गए हैं, उनमें 1850 हुबेई प्रांत से हैं। एक दिन पहले इसी प्रांत में संक्रमित लोगों की संख्या 2400 दर्ज की गई थी। रविवार को हुई 142 मौतों के साथ ही चीन में कोरोना वायरस के संक्रमण से मरने वालों की संख्या रविवार को 1,665 हो गई। उधर, विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्यक्ष तेदरोस अदहानोम ने कहा कि यह कहना मुश्किल है कि अब यह महामारी कहां--कहां फैलेगी। उन्होंने चीन में बढ़ते मामलों चिंता जताई है।
शोधकर्ताओं ने सार्स जैसे वायरस को लेकर 2007 में ही था चेताया
शोधकर्ताओं ने वषर्ष 2007 में ही सार्स जैसे वायरस के एक बार फिर से चीन में सक्रिय होने के बारे में चेताया था। उस समय विशेषज्ञों ने दावा किया था कि दक्षिण चीन में चमगादड़ में सार्स और कोरोना जैसे वायरस का बड़ा भंडार एक टाइम बम की तरह है। 2007 में हांगकांग यूनिवर्सिटी के एक शोधपत्र में कहा गया था कि जानवरों या प्रयोगशालाओं से इस तरह के वायरसों के पुन: उभरने की संभावना है, इसलिए इससे निपटने की तैयारियों को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए।
चीन को दवाओं की खेप भेजेगा भारत
चीन में कोरोनावायरस के प्रकोप के मद्देनजर भारत वहां दवाओं की खेप भेजेगा। चीन में भारत के राजदूत विक्रम मिश्री ने दूतावास के आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर जारी एक वीडियो पोस्ट में कहा कि वायरस के प्रकोप से निपटने के एक ठोस कदम के तौर पर भारत जल्द ही चिकित्सा आपूर्ति की एक खेप भेजेंगे।
जापान में क्रूज पर फंसे संक्रमित लोगों की संख्या 355 हुई
रविवार को 70 नए मामले सामने आने के साथ ही जापान में क्रूज में फंसे संक्रमित लोगों की संख्या 355 हो गई है। जापान के स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक शिप में मौजूद 1219 लोगों की जांच की जा चुकी है। दरअसल, डायमंड प्रिंसेज नाम का यह शिप पांच फरवरी को योकोहामा बंदरगाह पहुंचा था। चूंकि शिप से मलेशिया में एक यात्री उतरा था, जो बाद में कोरोना वायरस से संक्रमित पाया गया था। इसी के चलते इस जहाज को बंदरगाह पर 14 दिनों के लिए आइसोलेशन में खड़ा कर दिया गया। इस शिप में 3711 लोग सवार हैं, इसमें 138 भारतीय हैं। उधर, अमेरिका के साथ ही दक्षिण कोरिया, हांगकांग और कनाडा ने भी अपने ऐसे यात्रियों को वापस लाने की बात कही है, जिनका रिजल्ट निगेटिव आया है।
कंबोडिया ने दी लंगर डालने की अनुमति
होलैंड अमेरिका एमएस वेस्टरडैम नाम के क्रूज को कंबोडिया में लंगर डालने की अनुमति मिल गई। दरअसल, इस जहाज में कोई वायरस ग्रस्त मरीज नहीं था, लेकिन 83 वर्षीय अमेरिकी महिला जो मलेशिया में उतर गई थी, उसका टेस्ट पॉजिटिव आने के बाद इसे कई देशों ने लंगर डालने की अनुमति देने से इन्कार कर दिया था। क्रूज संचालक के अनुरोध पर उसका दोबारा टेस्ट किया गया, जिसमें भी उसका रिजल्ट पॉजिटिव आया।
नेपाल ने चीन में फंसे 175 नागरिकों को निकाला
नेपाल सरकार ने कोरोना वायरस संक्रमण के चलते चीन में फंसे 175 नागरिकों को रविवार को निकाल लिया है। इसमें 170 छात्र, एक कर्मचारी, दो विजिटर और दो बच्चे हैं। सबसे अधिक वुहान से 55 लोग निकाले गए। कुल 185 लोगों ने नेपाल आने के लिए आवेदन दिया था, लेकिन चार ने बाद में वहीं रहने का फैसला किया, जबकि छह मेडिकल कारणों के चलते विमान में नहीं चढ़ पाए।