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भारत-चीन के बीच नौवें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता की तैयारी, जल्‍द आ सकती है कोई तारीख

कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की बैठक को लेकर भारत और चीन परामर्श कर रहे हैं। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल तन केफेई ने गुरुवार को यह जानकारी दी। दोनों देशों के बीच इस साल मई में गतिरोध के जो हालात बने थे अब तक जारी हैं।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Thu, 31 Dec 2020 06:19 PM (IST)Updated: Fri, 01 Jan 2021 07:05 AM (IST)
भारत-चीन के बीच नौवें दौर की कमांडर स्तरीय वार्ता की तैयारी, जल्‍द आ सकती है कोई तारीख
कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की बैठक को लेकर भारत और चीन परामर्श कर रहे हैं।

बीजिंग, पीटीआइ। कोर कमांडर स्तर की नौवें दौर की बैठक (Commander level meet) को लेकर भारत और चीन परामर्श कर रहे हैं। चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता सीनियर कर्नल तेन केफेई (Colonel Tan Kefei) ने गुरुवार को यह जानकारी दी। मालूम हो कि भारत और चीन के बीच आठ दौर तक कोर कमांडर स्तर की वार्ता हो चुकी है लेकिन दोनों देशों के बीच इस साल मई में गतिरोध के जो हालात बने थे वह अब तक जारी हैं। यही नहीं पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर तनाव घटाने और सैन्यबलों की वापसी को लेकर अब तक कोई ठोस प्रगति नहीं सामने आई है। 

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कर्नल तेन केफेई ने ऑनलाइन मीडिया ब्रिफिंग में कहा कि कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता के आठवें दौर के बाद से दोनों देशों ने सैनिकों की वापसी के मसले पर परामर्श जारी रखा है। चीन ने सैन्य और राजनयिक चैनलों के जरिए भारत के साथ संवाद बनाए रखने को तैयार है। वहीं चीनी रक्षा मंत्रालय (Chinese Defence Ministry) की वेबसाइट में कहा गया है कि सीमाई इलाकों में हालात सामान्‍य हैं। भारत से अपेक्षा है कि वह चीन के साथ समान लक्ष्‍य के साथ काम करे। बता दें कि दोनों देशों के बीच विदेश मंत्रियों के स्‍तर पर भी बातचीत हो चुकी है। 

बीते 18 दिसंबर को विदेश मंत्रालय स्तर की वार्ता में दोनों देशों ने कहा था कि वे वास्तविक नियंत्रण रेखा (Line of Actual Control, LAC)  के साथ सभी तनाव वाले स्‍थानों से सैनिकों की वापसी सुनिश्चित करने की दिशा में काम जारी रखने पर तैयार हैं। बैठक में सैन्य संवाद का अगले दौर शुरू करने को लेकर भी फैसला हुआ था। पिछली कमांडर स्तर की वार्ता में भारत ने चीन को दो टूक कहा था कि एलएसी की यथास्थिति में बदलाव किए बिना ही सैनिकों को पीछे हटाने का रास्ता निकालना होगा। भारत यथास्थिति में बदलाव बर्दाश्‍त नहीं करेगा...

आठवें दौर की वार्ता में यह भी सहमति बनी थी कि आपसी समझ के बाद ही दोनों देशों अपना बयान जारी करेंगे। हालांकि चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ जनरल बिपिन रावत एलएसी पर तनाव की स्थिति कायम रहने की बात कहते हुए चीन के दुस्साहस और अतिक्रमण को इसके लिए जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। यही नहीं विदेश मंत्री एस जयशंकर का भी मानना है कि चीन ने एलएसी पर सैनिकों की तैनाती के सिलसिले में अब तक अलग अलग बहाने बनाए हैं। बीते दिनों रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत अपनी रक्षा के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।  


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