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भारत की अग्नि-5 मिसाइल से सहमा चीन ! ड्रैगन की एंटी डिफेंस मिसाइल के निशान पर आखिर कौन

चीन ने तीन दिन पूर्व एक एंटी डिफेंस मिसाइल का परीक्षण किया था। चीन ने मिसाइल पर अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया था। उसके एंटी डिफेंस मिसाइल के भारत के अग्नि-5 के तोड़ के रूप में देखा जा रहा है। क्‍या है अग्नि-5 की खासियत।

By Ramesh MishraEdited By: Published: Tue, 09 Feb 2021 03:55 PM (IST)Updated: Wed, 10 Feb 2021 06:15 AM (IST)
भारत की अग्नि-5 मिसाइल से सहमा चीन ! ड्रैगन की एंटी डिफेंस मिसाइल के निशान पर आखिर कौन
चीन की इस एंटी डिफेंस मिसाइल का लक्ष्‍य क्‍या भारत है। फाइल फोटो।

बीजिंग, ऑनलाइन डेस्‍क। तीन दिन पूर्व चीन ने एक एंटी डिफेंस मिसाइल का परीक्षण किया था, लेकिन बीज‍िंग ने इस मिसाइल पर अधिक जानकारी देने से इनकार कर दिया था। उस वक्‍त चीन के रक्षा विभाग ने कहा था कि इस परीक्षण का मकसद किसी खास देश को निशाना बनाना नहीं था, लेकिन चीनी सेना के एक करीबी सूत्र ने बताया कि कहा कि मिसाइल परीक्षण का लक्ष्‍य भारत ही है। चीन की इस एंटी डिफेंस मिसाइल का लक्ष्‍य भारत के अग्नि-5 के तोड़ के रूप में पेश किया गया है। दरअसल, भारत की अग्नि-5 मिसाइल की पहुंच में पूरा चीन है। इसलिए भारत की अग्नि-5 मिसाइल चीन के लिए चिंता का व‍िषय है। चीन ने एंटी डिफेंस मिसाइल के भारत के अग्नि-5 के तोड़ के रूप में देखा जा रहा है। भारत की अग्नि-5 मिसाइल से चीन क्‍यों सहमा है। क्‍या है अग्नि-5 मिसाइल की खासियत।

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भारत की अग्नि-5 मिसाइल की खासियत

  • यह मिसाइल बेहद शक्तिशाली है, और 5,000 किलोमीटर तक मार कर सकती है। यह भारत की लंबी दूरी तक मार करने वाली मिसाइलों में से एक है। अग्नि- 5 बैलिस्टिक मिसाइल कई हथियार एक साथ ले जाने में सक्षम है। इसे रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) ने बनाया है।
  • यह मिसाइल डेढ़ टन तक परमाणु हथियार ले जा सकती है।  इसकी गति ध्वनि की गति से 24 गुना ज्यादा है। अग्नि-5 मिसाइल का इस्तेमाल बेहद आसान है। देश के किसी भी कोने में इसे तैनात कर सकते हैं, जबकि किसी भी प्लेटफॉर्म से युद्ध के दौरान इसकी मदद ली जा सकती हैं। अग्नि-5 पांच के लॉन्चिंग सिस्टम में कैनिस्टर तकनीक का इस्तेमाल किया गया है। इसकी वजह से इस मिसाइल को कहीं भी बड़ी आसानी से ट्रांसपोर्ट किया जा सकता है।
  • अग्नि-5 मिसाइल का पहला परीक्षण 19 अप्रैल 2012 को किया गया था। इसका दूसरा परीक्षण 15 सितंबर, 2013 को किया गया था। मिसाइल का तीसरा परीक्षण 31 जनवरी, 2015 और चौथा परीक्षण 26 दिसंबर, 2016 को किया गया। पांचवां परीक्षण 18 जनवरी 2018 को किया गया था। खास बात यह है कि यह सभी परीक्षण भी सफल रहे थे।

चीन की एंटी डिफेंस मिसाइल

दक्षिण चीन सागर और भारत के साथ सीमा तनाव के बीच चीन ने एक बार फ‍िर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है। दक्षिण चीन सागर और चीन-भारत सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच चीन ने एंटी डिफेंस मिसाइल का परीक्षण किया। इस मिसाइल की खासियत यह है कि वह दुश्‍मन के मध्‍यम दूरी तक मार करने वाली मिसाइल को रास्‍ते में तबाह करने की क्षमता रखती है। हालांकि, चीन ने इस मिसाइल के बारे में अधिक जानकारी देने से इनकार किया है। चीन के सरकारी न्‍यूज एजेंसी ग्‍लोबल टाइम्‍स ने दावा किया था कि चीन की यह मिसाइल दुश्‍मन के मिसाइलों को लक्ष्‍य तक पहुंचने से पहले ध्‍वस्‍त कर देगी। उधर, चीनी रक्षा अधिकारियों ने कहा है कि यह पूरा परीक्षण रक्षात्‍मक प्रकृति का है। किसी देश को लक्ष्‍य रखकर इसका परीक्षण नहीं किया गया है। हालांकि, चीन के इस परीक्षण पर किसी की प्रतिक्रिया नहीं आई है, लेकिन निश्‍चित रूप से भारत और अमेरिका की नजर इस पर होगी।


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