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अमेरिका से तनाव के बीच दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास करेगा बीजिंग

अमेरिका से तनाव के बीच चीन ने मंगलवार को कहा कि वह इस सप्ताह दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास करेगा। खास बात यह है कि बीजिंग ने यह फैसला अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडर रूजवेल्ट के गत शनिवार को विवादित जल क्षेत्र में अचानक प्रवेश के बाद किया है।

By Arun kumar SinghEdited By: Published: Tue, 26 Jan 2021 08:22 PM (IST)Updated: Tue, 26 Jan 2021 08:22 PM (IST)
अमेरिका से तनाव के बीच दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास करेगा बीजिंग
इस सप्ताह दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास करेगा

बीजिंग, रायटर। अमेरिका से तनाव के बीच चीन ने मंगलवार को कहा कि वह इस सप्ताह दक्षिण चीन सागर में सैन्य अभ्यास करेगा। खास बात यह है कि बीजिंग ने यह फैसला अमेरिकी विमानवाहक पोत यूएसएस थियोडर रूजवेल्ट के गत शनिवार को विवादित जल क्षेत्र में अचानक प्रवेश के बाद किया है। देश के समुद्री सुरक्षा प्रशासन द्वारा जारी किए गए नोटिस में दक्षिण-पश्चिमी चीन के लीजिन प्रायद्वीप के पश्चिम में स्थित टोंकिन की खाड़ी में 27 जनवरी से 30 जनवरी तक आने पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। 

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चीन और ताइवान के बीच बढ़ा तनाव  

हालांकि नोटिस में इस बात विवरण नहीं दिया गया है कि सैन्य अभ्यास कब होगा और कितने बड़े पैमाने पर होगा। उधर, दर्जनों चीनी लड़ाकू विमानों के देश की वायु सीमा में दाखिल होने के एक सप्ताह बाद मंगलवार को ताइवान की वायुसेना ने सैन्य अभ्यास किया। बीजिंग हमेशा से ताइवान को अपना क्षेत्र बताता रहा है। शनिवार को चीनी बमवर्षक और लड़ाकू जेट विमान दक्षिण चीन सागर में ताइवान द्वीप के निकट अवैध रूप से प्रवेश किए। इस घटना के बात ताइवान की सेना सतर्क है और उसने अपने लड़ाकू विमानों के लिए तैयार रहने को कहा।

चीन के कानून से खफा है अमेरिका 

हाल में चीन ने कोस्ट गार्ड को जरूरत पड़ने पर विदेशी जहाजों पर फायरिंग करने की अनुमति दे दी है। चीन की नेशनल पीपुल्स कांग्रेस की स्थायी समिति ने पिछले शुक्रवार को तटरक्षक कानून को पारित किया। कहीं ने कहीं अमेरिका चीन के इस कानून से खफा है। इसके अनुसार, विदेशी जहाजों से उत्‍पन्‍न खतरों को रोकने के लिए तट रक्षक को सभी जरूरी संसाधनों का इस्तेमाल करने की अनुमति है। इस कानून के तहत जरूरत पड़ने पर विभिन्न प्रकार के हथियारों का इस्तेमाल किया जा सकता है। यह अनुमति ऐसे समय दी गई है जब चीन का पूर्व चीन सागर में जापान के साथ और दक्षिण चीन सागर में दक्षिण-पूर्व एशिया के देशों से विवाद चल रहा है। 


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