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कोरोना हो, हॉन्ग कॉन्ग या फिर अमेरिका, विवादों में फंसना चीन की आदत में शुमार

अमेरिका के साथ झगड़ा हो या भारत के साथ सीमा-विवाद हॉन्ग कॉन्ग को लेकर आलोचना हो या महामारी के फैलने के पीछे उसकी भूमिका चीन इन दिनों कई मोर्चों पर कूटनीतिक रूप से घिरा हुआ है।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Tue, 02 Jun 2020 06:44 PM (IST)Updated: Tue, 02 Jun 2020 06:44 PM (IST)
कोरोना हो, हॉन्ग कॉन्ग या फिर अमेरिका, विवादों में फंसना चीन की आदत में शुमार
कोरोना हो, हॉन्ग कॉन्ग या फिर अमेरिका, विवादों में फंसना चीन की आदत में शुमार

नई दिल्ली। ये पहला मौका नहीं है जब चीन विवादों में फंसा हो, इससे पहले भी चीन ऐसे कई विवादों में फंसता रहता है और कूटनीतिक बयान जारी करता रहा है। अभी कोरोना वायरस पर सफाई देकर दुनिया को समझाने की कोशिश कर रहा है मगर उसमें कामयाबी नहीं मिली है।

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इस बीच भारत के साथ सीमा विवाद पैदा कर दिया है। चीन नेपाल को उकसाता रहता है कि वो भारत के विकास के कामों पर अड़गा लगाए। नेपाल के साथ भारत के रिश्ते अच्छे है उसके बाद वो इन दिनों लिपुलेख दर्रे पर किए जा रहे काम में बाधा पहुंचा रहा है। उधर अक्साई चीन के हिस्से में भारतीय सेना के साथ चीनी सैनिक उलझ रहे हैं। चीन सीमा पर सैनिकों की संख्या को बढ़ाकर डराने की कोशिश कर रहा है।

शक्तिशाली देश अमेरिका ने तो कोरोना को लेकर चीन को बुरी तरह से घेर रखा है। अमेरिका में कोरोना से मरने वालों की संख्या सबसे अधिक है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन से कई व्यापारिक रिश्ते खत्म कर लिए हैं, आयात पर रोक लगा दी है। इसके अलावा अन्य कई मुद्दों पर अमेरिका भी चीन को घेर रहा है। यदि विस्तार से देखा जाए तो एक दर्जन से अधिक ऐसे विवादित मामले होंगे जिसमें चीन फंसा हुआ है।

अमेरिका के साथ झगड़ा हो या भारत के साथ सीमा-विवाद, हॉन्ग कॉन्ग को लेकर आलोचना हो या महामारी के फैलने के पीछे उसकी भूमिका को लेकर जांच की मांग, चीन इन दिनों कई मोर्चों पर कूटनीतिक विवादों में फंसा हुआ है। डीडब्ल्यूए के अनुसार एक दर्जन से अधिक ऐसे मामले हैं। एक नजर ऐसे मामलों पर:- 

अमेरिका

अमेरिका और चीन को दुनिया की दो बड़ी अर्थव्यवस्था माना जाता है। ये पहला मौका है जब कोरोना वायरस को लेकर विश्व की इन दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के आपसी रिश्ते पिछले कई दशकों में इतने खराब हो गए हो, दोनों देशों के बीच व्यापार और तकनीक को लेकर विवाद तो चल ही रहे हैं, साथ ही अमेरिका के बार बार कोरोनावायरस के फैलने के लिए चीन को ही जिम्मेदार ठहराने से भी दोनों देशों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं। चीन भी अमेरिका पर हॉन्ग कॉन्ग के प्रदर्शनों को समर्थन देने का आरोप लगाता आया है।

हॉन्ग कॉन्ग

हॉन्ग कॉन्ग अपने आप में चीन के लिए एक बड़ी कूटनीतिक समस्या है। चीन ने वहां राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू करना चाहा लेकिन अमेरिका और दूसरे पश्चिमी देशों ने इसका विरोध किया। हॉन्ग कॉन्ग कभी ब्रिटेन की कॉलोनी था और चीन के नए कदमों के बाद ब्रिटेन ने कहा है कि हॉन्ग कॉन्ग के ब्रिटिश नेशनल ओवरसीज पासपोर्ट धारकों को विस्तृत वीजा अधिकार देगा। 

दक्षिण चीन सागर

दक्षिण चीन सागर ऊर्जा के स्त्रोतों से समृद्ध इलाका है और चीन के इस इलाके में कई विवादित दावे हैं जो फिलीपींस, ब्रूनेई, विएतनाम, मलेशिया और ताइवान के दावों से टकराते हैं। ये इलाका एक महत्वपूर्ण व्यापार मार्ग भी है। अमेरिका ने आरोप लगाया है कि चीन इस इलाके में अपनी मौजूदगी बढ़ाने के लिए कोरोनावायरस के डिस्ट्रैक्शन का फायदा उठा रहा है। 

कोरोना वायरस

अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया समेत कई देशों ने मांग की है कि चीन जिस तरह से कोरोनावायरस को रोकने में असफल रहा उसके लिए उसकी जवाबदेही तय की जानी चाहिए। कोरोनावायरस चीन के शहर वुहान से ही निकला था। चीन पर कुछ देशों ने तानाशाह जैसी वायरस डिप्लोमैसी का भी आरोप लगाया है। 

ताइवान

चीन ने लोकतांत्रिक-शासन वाले देश ताइवान पर हमेशा से अपने आधिपत्य का दावा किया है। अब चीन ने ताइवान पर उसका स्वामित्व स्वीकार कर लेने के लिए कूटनीतिक और सैन्य दबाव बढ़ाना शुरू कर दिया है लेकिन भारी मतों से दोबारा चुनी गई ताइवान की राष्ट्रपति ने चीन के दावों को ठुकराते हुए कह दिया है कि सिर्फ ताइवान के लोग उसके भविष्य का फैसला कर सकते हैं।

भारत

भारत और चीन के बीच सीमा पर 2017 के बाद अभी तक का सबसे गंभीर गतिरोध चल रहा है। सुदूर लद्दाख में दोनों देशों के सैनिक एक दूसरे पर अतिक्रमण का आरोप लगा रहे हैं। दोनों में हाथापाई भी हुई है। चीन इस मामले को भी निपटाने की कोशिश नहीं कर रहा है, वो जबरन इस इलाके पर अपना अधिकार दिखाना चाह रहा है।

शिंकियांग

चीन की उसके अपने पश्चिमी प्रांत में उइगुर मुसलमानों के प्रति बर्ताव पर अमेरिका और कई देशों ने आलोचना की है। मई में ही अमेरिका के हाउस ऑफ रिप्रेजेंटेटिव्स ने उइगुरों के उत्पीड़न के लिए जिम्मेदार अधिकारियों के खिलाफ प्रतिबंध लागू करने वाले एक विधेयक को बहुमत से पारित किया।

हुआवेई

अमेरिका ने चीन की बड़ी टेलीकॉम कंपनी हुआवेई को लेकर सुरक्षा संबंधी चिंताएं व्यक्त की हैं। उसने अपने मित्र देशों को चेतावनी दी है कि अगर वो अपने मोबाइल नेटवर्क में उसका इस्तेमाल करेंगे तो उनके इंटेलिजेंस प्राप्त की जाने वाली संपर्क प्रणालियों से कट जाने का जोखिम रहेगा। हुआवेई ने इन आरोपों से इंकार किया है। मई में ही अमेरिका ने हुआवेई को दुनिया भर से चिप की आपूर्ति रोकने के प्रयासों की शुरुआत कर दी। 

कनाडा

चीन और कनाडा के रिश्ते तब से खराब हो गए हैं जब 2018 में कनाडा ने हुआवेई के संस्थापक की बेटी मेंग वानझाऊ को हिरासत में ले लिया था। उसके तुरंत बाद चीन ने कनाडा के दो नागरिकों को गिरफ्तार कर लिया था और केनोला बीज के आयात को ब्लॉक कर दिया था। मई में मेंग अमेरिका प्रत्यर्पित किए जाने के खिलाफ दायर किया गया एक केस हार गईं। 

यूरोपीय संघ

पिछले सप्ताह यूरोपीय संघ के विदेश मंत्रियों ने आपस में तय किया कि वो चीन के प्रति अपनी रण-नीति और मजबूत करेंगे। संघ हॉन्ग कॉन्ग के मुद्दे पर चीन की दबाव वाली कूटनीति को ले कर चिंतित है। संघ उसकी कंपनियों के चीन के बाजार तक पहुंचने में पेश आने वाली मुश्किलों को लेकर भी परेशान रहा है। बताया जा रहा है कि संघ की एक रिपोर्ट में चीन पर आरोप थे कि वो कोरोनावायरस के बारे में गलत जानकारी फैला रहा था।

ऑस्ट्रेलिया

मई में चीन ने ऑस्ट्रेलिया से जौ (बार्ली) के आयत पर शुल्क लगा दिया था। दोनों देशों के बीच लंबे समय से झगड़ा चल रहा है। दोनों देशों के रिश्तों में खटास 2018 में आई थी जब ऑस्ट्रेलिया ने अपने 5जी ब्रॉडबैंड नेटवर्क से हुआवेई को बैन कर दिया था। चीन ऑस्ट्रेलिया की कोरोनावायरस की स्वतंत्र जांच की मांग को लेकर भी नाराज है।


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