भारत के अलावा अन्य देश भी अब चीन में फंसे अपने नागरिकों को करेंगे एयरलिफ्ट
भारत के अलावा अन्य देश अब चीन के वुहान में फंसे अपने नागरिकों को एयरलिफ्ट करने की तैयारी कर रहे हैं।
बीजिंग, एजेंसी। चीन में जारी कोरोना वायरस के कहर को देखते हुए अब इस वायरस के केंद्र वुहान से भारतीयों को निकालने की योजना बनाई जा रही है। मंत्रालय की ओर से हाल ही में एक बयान जारी किया गया है जिसमें कहा गया है कि वुहान में जो भी भारतीय फंसे हैं जल्द ही उनको वहां से एयरलिफ्ट किया जाएगा। इसको लेकर चीनी सरकार से बातचीत चल रही है।
विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने भी इस बारे में बयान दिया है। उनका कहना है कि भारतीय दूतावास लगातार चीनी सरकार के साथ संपर्क में है और वुहान से छात्रों और भारतीयों को निकालने की कोशिश जारी है। इसमें कुछ दिन लगेंगे। उन्होंने बताया कि वहां फंसे किसी भारतीय छात्र को फिलहाल इस वायरस से संक्रमित नहीं पाया गया है। बच्चों के बारे में उनके माता-पिता को चिंता करने की जरूरत नहीं है। उन्होंने बताया कि भारत ने हुबेई प्रांत से 250 भारतीयों को निकालने की तैयारी शुरू कर दी है। बीजिंग में भारतीय दूतावास ने
कहा कि वापस लौटने पर इन नागरिकों को 14 दिन अलग-थलग रखा जाएगा, इस दौरान इनके स्वास्थ्य की गहनता से जांच की जाएगी जिससे ये पता चल सके कि ये वायरस से पीड़ित तो नहीं है। उधर चीन के वुहान शहर से दुनिया के कई देशों में फैल चुके कोरोनावायरस का कहर जारी है। रिपोर्ट्स के मुताबिक, चीन में इस वायरस से 25 और लोगों की मौत हो गई है, जिससे मृतक संख्या बढ़कर 132 तक पहुंच गई है। भारत सहित कई देश अपने नागरिकों को चीन के तमाम शहरों से एयरलिफ्ट करने की तैयारी में भी जुटे हुए हैं।
इस बीच चीन के राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी बयान दिया है कि देश इस खतरनाक कोरोनावायरस से लड़ रहा है और इस बीमारी पर लगाम कसने के लिए सरकार पूरी तरह पारदर्शिता बरत रही है। डॉक्टरों और अन्य जरूरी लोगों की टीम लगाई गई है। उनकी विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख के साथ बैठक भी हो चुकी है। इस बैठक में उन्होंने कहा था कि यह महामारी अब तक विकराल रुप ले चुकी है इसे हम छिपा नहीं सकते। चीन की सरकार ने हमेशा खुले, पारदर्शी और जवाबदेह रूख को अपनाया है ताकि देश के लोगों और विदेशों के लिए समय पर सूचना जारी की जा सके।
फिलहाल भारत में अभी तक कोरोना वायरस का कोई मरीज नहीं मिला है मगर इस बीमारी को ध्यान में रखते हुए पहले से ही एहतियात बरती जा रही है। तमाम मेडिकल संस्थानों को इसके लिए पहले से ही तैयार कर दिया गया है। एयरपोर्ट पर उतरने वाले यात्रियों की जांच भी की जा रही है।