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कोरोना वायरस के बाद दुनिया को एक बार फिर से हैरान करने वाला है चीन

अब चीन ने घोषणा की है कि वो मात्र 10 दिनों में अपने वुहान शहर की आबादी को कोरोना टेस्ट करेगा जिससे संक्रमितों का पता चल सके।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 14 May 2020 05:50 PM (IST)Updated: Thu, 14 May 2020 05:50 PM (IST)
कोरोना वायरस के बाद दुनिया को एक बार फिर से हैरान करने वाला है चीन
कोरोना वायरस के बाद दुनिया को एक बार फिर से हैरान करने वाला है चीन

बीजिंग। पहले तो चीन से निकले कोरोना वायरस ने दुनिया को हैरान किया, अब चीन ने एक ऐसी घोषणा कर दी है जिसको सुनने के बाद फिर से दुनिया हैरान है। अब चीन ने घोषणा की है कि वो मात्र 10 दिनों में अपने वुहान शहर की आबादी को कोरोना टेस्ट करेगा जिससे संक्रमितों का पता चल सके।

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वुहान की पूरी आबादी 1.1 करोड़ है। स्थानीय प्रशासन ने यहां की पूरी आबादी का कोरोना टेस्ट कराने के लिए योजना बनाने पर काम शुरू कर दिया है। इसके तहत सबसे पहले उन लोगों का टेस्ट किया जाएगा जिन्हें जोखिम ज्यादा है इसमें स्वास्थ्य सेवाओं में लगे हुए लोग रखे गए हैं, इसके बाद पुलिस के जवान और अन्य लोग आएंगे। अधिकारियों का कहना है कि टेस्टिंग की प्रक्रिया चरणबद्ध तरीके से की जाएगी, इसके लिेए बड़े पैमाने पर सैंपल इकट्ठा किए जाएंगे फिर उसका टेस्ट होगा। ग्लोबल टाइम्स में इस संबंध में एक खबर भी प्रकाशित हुई है। 

मालूम हो कि वुहान जनवरी में कोरोना के संक्रमण का केंद्र बन गया था। कोरोना का सबसे पहला मामला भी यही दिसंबर के महीने में आया था। जानकारों का कहना है कि यदि चीन इस तरह से सैंपल लेकर जांच कर लेता है तो इसका मतलब ये निकलता है कि वो हर रोज अकेले वुहान में ही दस लाख लोगों की टेस्टिंग करेगा। फिलहाल चीन में हर रोज चालीस से साठ हजार तक की टेस्टिंग क्षमता है जिसे बड़े पैंमाने पर बढ़ाने की जरूरत पड़ेगी। अमेरिका के न्यूयॉर्क स्थित काउंसिल ऑफ फॉरेन अफेयर्स में ग्लोबल हेल्थ के सीनियर फेलो यानजोंग हुआंग कहते हैं कि यदि चीन ऐसा करता है तो ये किसी चमत्कार से कम नहीं होगा।

कई देशों ने अपने यहां लॉकडाउन में छूट देनी शुरू कर दी है, इसी के साथ वहां दूसरे दौर के संक्रमण का खतरा भी पैदा हो गया है, ये अधिकारियों के लिए सिरदर्द बना हुआ है। वुहान में 8 अप्रैल को 11 सप्ताह के सख्त लॉकडाउन के बाद छूट दी गई थी, लेकिन अब इन नए मामलों के सामने आने के बाद दूसरे दौर के संक्रमण का खतरा बढ़ गया है। चीन के दूसरे शहरों में भी एहतियाती कदम उठाए जा रहे हैं। ट्रेन और बस सेवाएं रद्द कर दी गई हैं। सिनेमा, जिम और इंटरनेट कैफे सब फिर से बंद कर दिए गए हैं। 

दरअसल पिछले सप्ताह के आखिरी में वुहान में एक ही कॉम्पलेक्स से छह नए मामलों के सामने आने के बाद चीन ने यह बड़ा कदम उठाने की तैयारी शुरू कर दी है। इन नए मामलों मे कोरोना का कोई भी लक्षण नहीं दिखाई पड़ रहा था लेकिन इनका टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया है। ऐसे मामलों को एसिम्प्टोमैटिक कहते हैं यानी जिनमें संक्रमित होने का कोई लक्षण ना हो इसके बाद कॉम्पलेक्स में रह रहे 5,000 लोगों के टेस्ट कराने के आदेश दिए गए।

चीन के जानकारों का कहना है कि 1.1 करोड़ लोगों में से ठीक-ठीक संख्या में लोग या तो क्वारंटीन से पहले शहर से जा चुके हैं या फिर हाल के हफ्तों में उनकी जांच हुई है इसिलए टेस्टिंग शुरू होने के बाद अधिकारियों के लिए यह बहुत मुश्किल काम नहीं होगा। वुहान में पहले ही 40 से 50 लाख लोगों की जांच हो चुकी है। वुहान यूनिवर्सिटी में रोग जनक जीव विज्ञान के डिप्टी डायरेक्टर यांग झान्की के अनुसार वुहान 60 से 80 लाख लोगों की टेस्टिंग 10 दिनों में करने में सक्षम है।

अगर वास्तव में 60 से 80 लाखा लोगों की ही टेस्टिंग करनी है तब भी दस दिनों में पूरी टेस्टिंग करने के लिए हर रोज छह से आठ लाख लोगों की टेस्टिंग करनी होगी और यह एक चुनौती होगी। 22 अप्रैल को हुबेई की प्रांतीय सरकार ने यह बताया था कि हर रोज 89,000 लोगों की टेस्टिंग की जा रही है। इसमें हुबेई की राजधानी वुहान में होने वाली टेस्टिंग भी शामिल थी। यहां एक दिन में 63,000 लोगों की टेस्टिंग की जा रही थीं। अधिकारियों के मुताबिक 10 मई को वुहान में सिर्फ 40,000 टेस्ट हुए थे।

चीन के मामलों के जानकारों का कहना है कि अगर चीन की सरकार ठान ले तो यह संभव है। 13 मई को चीनी मीडिया ने वुहान के अधिकारियों के हवाले से कहा है कि बड़े पैमाने पर टेस्टिंग का काम मुख्य तौर पर थर्ड पार्टी कंपनी की मदद से किया जाता है। स्थानीय अस्पताल अपने लोगों को भेज कर सैंपल इकट्ठा करने का काम करते हैं। 

अधिकारियों के मुताबिक थर्ड पार्टी की टेस्टिंग क्षमता एक लाख प्रतिदिन होती है और इसलिए यह संभव है कि इतने कम समय में इतने बड़े पैमाने पर टेस्टिंग के लक्ष्य को हासिल किया जा सके। इसलिए टेस्टिंग चरणबद्ध तरीके से की जाएगी। कुछ जिलों में 12 मई से शुरू होंगी तो कुछ में 17 मई से और सभी जिलों में दस दिनों के अंदर में टेस्टिंग की प्रक्रिया खत्म कर ली जाएगी।

चीन के उद्योग मंत्री ने पिछले महीने कहा था कि चीन हर रोज पचास लाख टेस्ट किट्स तैयार कर सकता है और अधिक टेस्टिंग सेंटर्स और लैब्स तैयार किए जा रहे हैं ताकि सैंपल इकट्ठा कर उनकी टेस्टिंग की जा सके। प्रोफेसर यांग कहते हैं कि अगर किसी के पड़ोस में कोई मामला नहीं है तो फिर एक-एक व्यक्ति की जांच करनी जरूरी नहीं है।

चीनी सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के चीफ़ एपिडॉमॉलिजिस्ट वू जुनयो का कहना है कि निगेटिव टेस्ट आने के बाद फिर से नए मामलों के आने के बाद सरकार हाई अलर्ट पर है। उन्होंने कहा कि वुहान में एक से अधिक ऐसे मामले मिले हैं जिनमें संक्रमण की अवधि 30 से 50 दिनों तक है। वायरस कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों में अधिक दिनों तक अपना प्रभाव कायम रख सकता है। उन्होंने यह भी कहा कि वुहान में हर किसी की टेस्टिंग की जरूरत नहीं है जिनके पड़ोस में कोई मामला नहीं है उनकी टेस्ट करवाने की जरूरत नहीं है।  


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