दुनिया के पहले इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक विमान ने भरी उड़ान
विमान का परीक्षण वैंकूवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास सूर्योदय के तुरंत बाद फ्रेजर नदी पर किया गया। इस दौरान लगभग 100 लोग मौजूद थे।
वैंकूवर, एएफपी। दुनिया के पहले पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक विमान ने मंगलवार को कनाडा के शहर वैंकूवर में उड़ान भरी। इसमें छह यात्री सवार थे। लगभग 15 मिनट तक यह विमान हवा में रहा। खुद को उत्तरी अमेरिका की सबसे बड़ी सीप्लेन कंपनी बताने वाली वैंकूवर स्थित हार्बर एयर और सिएटल स्थित मैग्नी एक्स ने 62 साल पुराने डीएचसी-2 दि हावीलैंड बीवर विमान में 750 हॉर्सपॉवर की इलेक्ट्रिक मोटर लगाकर इसका परीक्षण किया।
विमान का परीक्षण वैंकूवर अंतरराष्ट्रीय एयरपोर्ट के पास सूर्योदय के तुरंत बाद फ्रेजर नदी पर किया गया। इस दौरान लगभग 100 लोग मौजूद थे। मैग्नी एक्स के सीईओ रोए गांजार्सकी ने कहा कि इससे साबित होता है कि पूरी तरह से इलेक्ट्रिक वाणिज्यिक विमान काम कर सकता है। मैग्नी एक्स ने विमान क मोटर को डिजाइन किया है और हार्बर एयर के साथ मिलकर इस पर काम किया है।
गांजार्सकी ने कहा कि ई-प्लेन के कारण जहां कार्बन उत्सर्जन शून्य होगा, वहीं लागत कम होगी और ईंधन की बचत होगी। उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि यह इलेक्ट्रिक एविएशन युग की शुरुआत का संकेत देता है। उन्होंने कहा कि नागरिक उड्डयन कार्बन उत्सर्जन के सबसे तेजी से बढ़ते स्नोतों में से एक है, क्योंकि हवाई यात्रियों की संख्या तेजी से बढ़ रही है, जो चिंता की भी बात है।
फिलहाल 160 किमी तक उड़ सकता है
हार्बर एयर के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और संस्थापक ग्रेग मैकडॉगल ने कहा कि आज हमने इतिहास रच दिया है। हार्बर एयर की योजना है कि उसके बेड़े में शामिल सभी 40 विमान को ई-विमान में तब्दील कर दिया जाए। गांजार्सकी ने बताया कि जिस विमान ने उड़ान भरी है, उसकी गति सीमित है और वह लीथियम बैटरी से 160 किलोमीटर तक ही उड़ान भर सकता है। विश्व की कई अन्य कंपनियां भी इस तरह के विमान पर काम कर रही हैं। इसमें बोइंग और एयरबस भी शामिल हैं।