Move to Jagran APP

चीनी शासन के खिलाफ टोरंटो में बड़ा विरोध प्रदर्शन, तिब्बत-हांगकांग को मुक्त करने सहित लद्दाख का मुद्दा उठाया

लद्दाख में चीनी आक्रमण का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी तिरंगा धारण किए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे।

By Nitin AroraEdited By: Published: Mon, 20 Jul 2020 09:35 AM (IST)Updated: Mon, 20 Jul 2020 09:35 AM (IST)
चीनी शासन के खिलाफ टोरंटो में बड़ा विरोध प्रदर्शन, तिब्बत-हांगकांग को मुक्त करने सहित लद्दाख का मुद्दा उठाया
चीनी शासन के खिलाफ टोरंटो में बड़ा विरोध प्रदर्शन, तिब्बत-हांगकांग को मुक्त करने सहित लद्दाख का मुद्दा उठाया

टोरंटो [कनाडा], एएनआई। टोरंटो में चीनी वाणिज्य दूतावास के बाहर कम्युनिस्ट चीनी शासन के खिलाफ रविवार को अलग-अलग बैकग्राउंड से आए सौ से अधिक टोरॉन्टोनियों ने विरोध प्रदर्शन किया। चीन के खिलाफ बोलते हुए प्रदर्शनकारियों ने चीनी कम्युनिस्ट पार्टी से तिब्बत और हांगकांग को मुक्त करने का आग्रह किया और लद्दाख में चीनी आक्रमण का भी विरोध किया। उन्होंने कनाडा सरकार से कनाडा में चीनी सामानों का बहिष्कार करने का भी आग्रह किया। उन्होंने दो कनाडाई लोगों को रिहा करने के लिए अंतर्राष्ट्रीय समुदायों से हस्तक्षेप करने को कहा, जिन्हें चीन सरकार ने बंधक बना रखा है।

loksabha election banner

उन्होंने उइगरों के खिलाफ मानवाधिकारों के उल्लंघन के खिलाफ भी आवाज उठाई। ईरान की तरफ से चीन को बेचने से ईरानी शासन के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने आवाज उठाई। इस विरोध प्रदर्शन में तिब्बती और वियतनामी प्रवासी भी शामिल हुए। सभी प्रदर्शनकारियों ने कनाडा सरकार से चीन में मानवाधिकारों के उल्लंघन पर प्रतिबंध लगाए जाने की आवाज को बुलंद करने की मांग की।

बता दें कि लद्दाख में चीनी आक्रमण का विरोध करने के लिए बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासी तिरंगा धारण किए इस विरोध प्रदर्शन में शामिल हुए थे। 15 जून को लद्दाख की गलवन घाटी में चीनी PLA के साथ गतिरोध में 20 भारतीय सैनिक शहीद हो गए। इस दौरान चीनी सैनिक भी मारे गए। हालांकि, चीनी शासन ने मरने वालों की संख्या बाहर नहीं की। 

इससे पहले चीन द्वारा बनाए गए नए सुरक्षा कानून के जवाब में कनाडा ने हांगकांग के साथ अपनी प्रत्यर्पण संधि निलंबित कर दी थी। प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा था कि कनाडा हांगकांग को संवेदनशील सैन्य साजो सामान का निर्यात करने की अनुमति नहीं देगा। कनाडा हांगकांग को निर्यात किए जा रहे संवेदनशील सामान पर भी रोक लगाएगा, जैसे कि उन्हें मुख्य भूमि चीन में भेजा जा रहा हो। उन्होंने कहा था कि कनाडा हांगकांग के समर्थन में खड़ा रहेगा जो कि तीन लाख कनाडाइयों का घर है।

बता दें कि चीन का नया सुरक्षा कानून जो हांगकांग में लागू हुआ था, वह चार श्रेणियों के अपराधों की सूची देता है। एकांत, तोड़फोड़, आतंकवाद और अन्य देश या बाहरी तत्वों के साथ मिलीभगत से राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालना। प्रत्येक अपराध के लिए अधिकतम जुर्माना आजीवन कारावास है। हालांकि, कुछ मामूली अपराधों के लिए सजा तीन साल से कम है।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.