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चीन में मानवाधिकारों के समर्थन में मजबूती से खड़ा रहेगा कनाडा

कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि उनकी सरकार चीन में मानवाधिकारों के लिए खड़ी रहेगी। गुरुवार को कनाडा में चीन के राजदूत ने हालात से भागते हुए हांगकांग के निवासियों को शरण देने के खिलाफ ओटावा को चेतावनी दी।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sat, 17 Oct 2020 11:05 AM (IST)Updated: Sat, 17 Oct 2020 11:05 AM (IST)
चीन में मानवाधिकारों के समर्थन में मजबूती से खड़ा रहेगा कनाडा
चीन में मानव अधिकारों के लिए खड़े रहेंगा कनाडा: ट्रूडो

ओटावा, एपी। चीन और कनाडा में बीच तनाव बढ़ता जा रहा है। शुक्रवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने एलान किया कि उनका देश चीन में होने वाले मानवाधिकारों के हनन के खिलाफ हमेशा खड़ा रहेगा। गुरुवार को कनाडा में चीन के राजदूत ने हांगकांग छोड़कर आ रहे लोगों को शरण नहीं देने के संबंध में ओटावा को चेतावनी दी थी।

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राजदूत कोंग पियू ने कहा था कि अगर कनाडा हांगकांग में रहने वाले तीन लाख कनाडाई नागरिकों के बारे में और वहां कारोबार कर रहीं कंपनियों में बारे में सोचता है तो उसे चीन के हिंसा से लड़ने के प्रयासों में सहयोग करना होगा। ट्रूडो ने कहा, 'हम मानवाधिकारों के समर्थन में मजबूती से खड़े रहेंगे। चाहे वह उइगर समुदाय की परेशानियों के बारे में बात हो या फिर हांगकांग की चिंताजनक स्थिति के बारे में या फिर चीन की बलपूर्वक कूटनीति के बारे में बात करना हो।

ट्रूडो ने कहा कि कनाडा दुनिया भर में अपने उन सहयोगियों और अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, ब्रिटेन, यूरोपीय देशों के साथ खड़ा है, जो मानवाधिकार उल्लंघनों के प्रति चिंतित हैं। उधर, कनाडा में विपक्षी कंजरवेटिव नेता इरिन ओटूले ने अपने बयान के लिए चीनी राजदूत से माफी मांगने को कहा है। ऐसा नहीं करने पर सरकार से उन्हें देश से निकाल देने की मांग की है।

उन्होंने कहा कि चीनी राजदूत का बयान स्पष्ट रूप से हांगकांग में रह रहे तीन लाख कनाडाई लोगों को धमकी की तरह है। पिछले साल हांगकांग और चीन की सरकारों के खिलाफ शहर में प्रदर्शन तेज हो गए थे। सरकारों के खिलाफ लोगों की भावनाओं और गुस्से को दबाने के लिए चीन ने हांगकांग में एक नया राष्ट्रीय सुरक्षा कानून लागू कर दिया जो 30 जून से प्रभावी है।

इस कानून में अलगाववादी, विध्वंसक और आतंकवादी गतिविधियों को प्रतिबंधित करने के साथ ही शहर के आतंरिक मामले में विदेशी ताकतों के साथ सांठगांठ पर भी रोक लगायी गयी है। अमेरिका, ब्रिटेन और कनाडा ने चीन पर शहर की स्वतंत्रता में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया है।


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