Move to Jagran APP

आसमान से धरती पर पानी के साथ बरस रहे वायरस, जानें क्या है इसका कारण

इस शोध में पाया गया कि ज्यादातर वायरस सी स्प्रे से हवा में पहुंचते हैं। बैक्टीरिया के मुकाबले वायरस के पृथ्वी पर वापस पहुंचने की दर नौ से 461 गुना अधिक है।

By Sanjay PokhriyalEdited By: Published: Thu, 08 Feb 2018 12:32 PM (IST)Updated: Thu, 08 Feb 2018 12:51 PM (IST)
आसमान से धरती पर पानी के साथ बरस रहे वायरस, जानें क्या है इसका कारण
आसमान से धरती पर पानी के साथ बरस रहे वायरस, जानें क्या है इसका कारण

टोरंटो (प्रेट्र)। पृथ्वी के वायुमंडल में बड़ी संख्या में बैक्टीरिया और वायरस फैल गए हैं। ये बारिश और मरुस्थलीय आंधी में पृथ्वी के बाहरी वायुमंडल से दोबारा धरती पर आ रहे हैं। इसका मतलब है कि पृथ्वी पर पानी के साथ वायरस की बरसात हो रही है।

loksabha election banner

शोधकर्ताओं का कहना है कि इससे यह पता लगाना आसान हो जाएगा कि आनुवांशिक रूप से एक समान वायरस अलग-अलग तरह के वातावरण में किस तरह पाए जाते हैं। इस अध्ययन में वैज्ञानिकों ने पहली बार पृथ्वी की सतह से बहकर ट्रॉपोस्फीयर (क्षोभ मंडल) में पहुंचने वाले वायरस की संख्या का पता लगाने में सफलता हासिल की है। ट्रॉपोस्फीयर पृथ्वी के वायुमंडल का सबसे निचला हिस्सा है।

इसके ऊपर स्ट्रेटोस्फीयर (समताप मंडल) होता है, जिस सतह पर जेट विमान उड़ान भरते हैं। कनाडा स्थित यूनिवर्सिटी ऑफ ब्रिटिश कोलंबिया के शोधकर्ताओं का कहना है, ‘सतह पर वापस लौटने से पूर्व वायरस उड़कर हजारों किलोमीटर दूर जाते हैं। फिर प्रतिदिन एक स्कवायर मीटर में करीब 80 करोड़ वायरस वापस पृथ्वी की सतह पर पहुंचते हैं। वायरस की इस संख्या को यदि बांटा जाए तो कनाडा के प्रत्येक व्यक्ति के हिस्से में 25 वायरस आएंगे।’

बैक्टीरिया और वायरस धूल में मौजूद सूक्ष्मकणों और सी स्प्रे (समुद्री लहर) के साथ बहकर एक से दूसरे महादेश पहुंच जाते हैं। ग्रैनाडा विवि और सैन डियागो विवि के वैज्ञानिक अब यह पता लगाने की कोशिश में है कि कितनी मात्रा में धूल कण और अन्य तत्व पृथ्वी की सतह से 2500 से तीन हजार मीटर की ऊंचाई पर बहकर जाते हैं। इस शोध में पाया गया कि ज्यादातर वायरस सी स्प्रे से हवा में पहुंचते हैं। बैक्टीरिया के मुकाबले वायरस के पृथ्वी पर वापस पहुंचने की दर नौ से 461 गुना अधिक है।  


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.