ब्लड शुगर के स्तर का पता लगाएगी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक
वैज्ञानिकों के मुताबिक, मधुमेह से पीड़ित लोगों को रक्त में शुगर के स्तर का पता लगाने में इस तकनीक से मदद मिल सकेगी।
टोरंटो [प्रेट्र]। वैज्ञानिकों ने रडार और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (कृत्रिम बुद्धिमता (एआइ)) को मिलाकर एक ऐसा तरीका ढूंढ़ निकाला है, जिससे ग्लूकोज के स्तर में होने वाले परिवर्तन का पता लगाया जा सकता है। वैज्ञानिकों के मुताबिक, मधुमेह से पीड़ित लोगों को रक्त में शुगर के स्तर का पता लगाने में इस तकनीक से मदद मिल सकेगी। इसी के साथ रक्त की जांच के उस तरीके से भी निजात मिल सकेगी, जिसमें सुई के जरिये अंगुली से खून निकाला जाता है। दिन में कई बार रक्त की जांच के लिए इस तरीके को अपनाया जाता है, जिसके चलते मरीज को कई बार सुई के दर्द से गुजरना पड़ता है।
इस शोध पर गूगल और जर्मनी की एक हार्डवेयर कंपनी इंफिनॉन ने काम किया है। दोनों ने मिलकर एक ऐसी छोटी रडार डिवाइस तैयार की है। इसके लिए उन्होंने दुनियाभर से डाटा एकत्र किया। कनाडा स्थित वाटरलू यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग प्रोफेसर जॉर्ज शेकर कहते हैं, हम एक ऐसी तकनीक विकसित करना चाहते थे, जिसमें बिना रक्त का नमूना लिए उसमें ग्लूकोज की मात्र का पता लगाया जा सके। इसी के तहत हमने यह उपकरण तैयार किया है। हमें उम्मीद है कि इसे स्मार्टवॉच से जोड़ने के बाद लगातार ग्लूकोज के स्तर का पता लगाया जा सकेगा।
इस तरह तैयार किया उपकरण
इसे तैयार करने के लिए वैज्ञानिकों ने वाटरलू में मौजूद रडार डिवाइस का प्रयोग किया। यह डिवाइस उच्च आवृत्ति वाली रेडियो तरंगें तरल पदार्थ में भेजती है, जिसमें तरल पदार्थ में मौजूद ग्लूकोज के स्तर का पता लगाया जा सकता है। ये तरंगें तरल से अलग-अलग तरह से वापस आती हैं, जो तरल में ग्लूकोज की मात्र पर निर्भर करती हैं।
इसके बाद शोधकर्ताओं ने इस जानकारी को एक डिजिटल डाटा में बदला ताकि उसका विश्लेषण किया जा सके। इसके आधार पर वैज्ञानिकों ने एक एल्गोरिदम तैयार की, जिसे एआइ मशीन के जरिये पढ़ा जा सकता है। इस तरह वैज्ञानिक यह उपकरण तैयार करने में सफल हुए, जिससे आसानी से और किसी भी समय रक्त की जांच कर उसमें ग्लूकोज की मात्र का पता लगाया जा सकता है।