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World Obesity Day 2019: भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर पर नहीं दे रहे ध्यान तो दिमाग की सेहत भी होगी खराब

World Obesity Day 2019 आज के दिन को ही विश्व मोटापा दिवस के रुप में जाना जाता है। यदि लोग समय रहते अपने शरीर पर ध्यान देते हैं तो वो इससे बचे रह जाते हैं।

By Vinay TiwariEdited By: Published: Thu, 10 Oct 2019 06:37 PM (IST)Updated: Fri, 11 Oct 2019 10:54 AM (IST)
World Obesity Day 2019: भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर पर नहीं दे रहे ध्यान तो दिमाग की सेहत भी होगी खराब
World Obesity Day 2019: भागदौड़ भरी जिंदगी में शरीर पर नहीं दे रहे ध्यान तो दिमाग की सेहत भी होगी खराब

नई दिल्ली [जागरण स्पेशल]। World Obesity Day 2019 आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में लोगों के पास अपने शरीर की ओर ध्यान देने का समय ही नहीं बच पाता है। ऐसे में उनको तमाम तरह की समस्याएं झेलनी पड़ती है। आफिसों में बैठकर काम करने वालों के पेट बाहर आने लगते हैं। बढ़ती उम्र के साथ अन्य तमाम तरह की समस्याएं भी सामने आने लगती है। इसके बाद सप्ताह में कम से कम एक दिन डॉक्टर के लिए फिक्स हो जाता है। उनसे समय लेना पड़ता है और फिर दवाओं का सिलसिला शुरू हो जाता है। एक बार दवाओं का सिलसिला शुरू होने के बाद वो रूकता नहीं है। अजीवन चलता ही रहता है।

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आज ही के दिन मनाया जाता है विश्व मोटापा दिवस

हर साल 11 अक्टूबर को विश्व मोटापा दिवस मनाया जाता है। विश्व मोटापा दिवस वार्षिक अभियान की स्थापना विश्व मोटापा फेडरेशन ने वर्ष 2015 में की थी। उसी के बाद से ये अभियान लगातार मनाया जा रहा है। इस अभियान के तहत लोगों को स्वस्थ रहने, अपने वजन पर नियंत्रण रखने और अपने को स्वस्थ बनाए रखने के लिए जागरुक किया जाता है। इस अभियान का मिशन मोटापा कटौती, रोकथाम और उपचार करने के वैश्विक प्रयासों की अगुआई और संचालन भी है। 

मोटापा शरीर ही नहीं दिमाग की सेहत के लिए भी घातक

मोटापा शरीर के लिए ही नहीं, बल्कि दिमाग की सेहत के लिए भी घातक होता है। इससे सीखने की क्षमता और याददाश्त पर दुष्प्रभाव पड़ता है। अमेरिका की अगस्ता यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने बताया कि हमारे दिमाग में एंडोथेलियल कोशिकाएं एक दीवार की तरह काम करती हैं। इन कोशिकाओं पर दो रिसेप्टर एडोरा-1ए और एडोरा-2ए होते हैं। इनके संतुलन से दिमाग में खून का बहाव और दिमाग की कार्यप्रणाली नियंत्रित होती है। मोटापे के कारण रिसेप्टर एडोरा-2ए अतिसक्रिय हो जाता है। ऐसा होने से दिमाग में खून का बहाव असंतुलित हो जाता है और दिमाग की क्षमता प्रभावित होती है। 

उम्र बढ़ने के साथ ही बढ़ता मोटापा और डायबिटीज

वैज्ञानिकों ने बताया कि उम्र बढ़ने के साथ ही मोटापा और डायबिटीज की समस्या से जूझ रहे लोगों की समझ कमजोर होती जाती है। ऐसे लोगों में दिमाग का वह हिस्सा प्रभावित हो जाता है, जो कुछ सीखने और चीजों को याद रखने में मददगार होता है। यदि वो समय रहते इन पर नियंत्रण नहीं करते हैं तो आने वाले समय में उनको और भी समस्या का सामना करना पड़ता है। इस वजह से यदि लोग समय रहते अपने शरीर की ओर ध्यान देना शुरू कर देते हैं तो उनको डॉक्टर के पास जाने से छुटकारा मिल जाता है। 

वजन बढ़ने के साथ ही शुरू हो जाती हैं समस्याएं

वजन बढ़ने के साथ ही कई प्रकार की स्‍वास्‍थ्‍य समस्‍यायें शुरू हो जाती हैं। मोटापा कम करने के लिए सबसे ज्‍यादा जरूरी है अपनी जीवनशैली में खास बदलाव करना। स्वस्थ खानपान और नियमित व्यायाम के जरिए आप बढ़ते वजन पर काबू पा सकते हैं। मोटापा बढने से डायबी‍टीज, ब्लडप्रेशर, हार्ट अटैक, ब्रेन स्टोन, कैंसर, अनिद्रा, जोडों और घुटनों की बीमारियां शुरू हो जाती हैं। मोटापा कम करने के लिए हमें अपने खानपान(डाइट प्लान) को ध्यान में रखना चाहिए। टाइम पर खाना चाहिए, डाइट संतुलित मात्रा में लेनी चाहिए। डाइट में प्रोटीन, विटामिन, कार्बोहाइडेट की प्रचुर मात्रा होनी चाहिए।

मोटापा कम करने के उपाय

- कम उर्जा वाले वयंजनों का सेवन करें। जैसे भूने चने, मूंग दाल, दलिया आदि का सेवन करें। इनमें फैट कम होता है।

- दो बडे़ चम्मच मूली के रस शहद में मिलाकर बराबर मात्रा में पानी के साथ पिएं, ऐसा करने से माह के बाद मोटापा कम होने लगेगा।

- हर रोज सुबह-सुबह एक गिलास ठंडे पानी में दो चम्मच शहद घोलकर मिला लीजिए। इस घोल को पीने से शरीर से वसा की मात्रा कम होती है।

- सुबह नाश्ते में अंकुरित अनाज लीजिए। मूंग, चना और सोयाबीन को अंकुरित करके खाने से से उनमें मौजूद पोषक तत्‍वों की मात्रा दोगुनी हो जाती है।

- मौसमी हरी सब्जियों का प्रयोग ज्‍यादा मात्रा में करें। मौसमी सब्जियां जैसे - मेथी, पालक, बथुआ, चौलाईसाग हैं। इनमें कैल्शियम अधिक मात्रा में होता है।

- सोयाबीन का सेवन कीजिए। इसमें ज्‍यादा मात्रा में प्रोटीन होता है और इसमें पाया जाने वाला आइसोफ्लेवंस नामक प्रोटीन शरीर से चर्बी को कम करता है।

- खाने में गेहूं के आटे की चपाती बंद करके जौ और चने के आटे की चपाती लेना शुरू करें। जौ और चने में कार्बोहाइड्रेट पदार्थ होते हैं जो आसानी से पच जाते हैं।

- अधिक चिकनाईयुक्त दूध, बटर तथा इससे बने पनीर का सेवन बंद कर दें। क्‍योंकि इनमें वसा ज्‍यादा मात्रा में होता है जो कि मोटापे का कारण बन सकता है।

- फास्ट फूड, जंक फूड, कचौरी, समोसे, पिज्जा बर्गर न खाएं। कोल्ड ड्रिंक न पिएं, क्योंकि कोल्डा ड्रिंक की 500 मिलीलीटर मात्रा में 20 चम्मच शुगर होती है जिससे मोटापा बढ़ता है।

- नींबू का रस गुनगुने पानी में निचोड़कर पीयें, इससे भोजन अच्छे से पचता है और शरीर भी हल्का लगता है। सर्दियों में नींबू वाली चाय पिएं तो इससे पेट में गैस नहीं बनती।

- व्‍यायाम को अपनी दिनचर्या में शामिल कीजिए। व्‍यायाम जैसे - साइकलिंग, जॉगिंग, सीढी़ चढ़ना-उतरना, रस्सी कूदना, टहलना, घूमना इस प्रकार के व्यायाम नियमित रूप से करने से वजन घटाया जा सकता है। 


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