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दुनिया के सबसे बड़े गैर लाभकारी NGO ने मिड डे मील के लिए अमेरिका से जुटाए 7 करोड़ से अधिक रुपये

गैर लाभकारी संगठन अक्षय पात्र ने भारत में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के लिए अमेरिका से सात करोड़ 11 लाख रुपये से ज्यादा जुटाए हैं।

By Ayushi TyagiEdited By: Published: Sun, 02 Aug 2020 03:22 PM (IST)Updated: Sun, 02 Aug 2020 04:45 PM (IST)
दुनिया के सबसे बड़े गैर लाभकारी NGO ने  मिड डे मील के लिए अमेरिका से जुटाए 7 करोड़ से अधिक रुपये
दुनिया के सबसे बड़े गैर लाभकारी NGO ने मिड डे मील के लिए अमेरिका से जुटाए 7 करोड़ से अधिक रुपये

ह्यूस्टन, पीटीआइ। गैर लाभकारी संगठन अक्षय पात्र ने भारत में स्कूली बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के लिए अमेरिका में अपने टेक्सास चैप्टर के माध्यम से 9,50,000 डॉलर (सात करोड़ 11 लाख रुपये से ज्यादा) जुटाए हैं। 'वर्चुअल गाला-टेक्नोलॉजी फॉर चेंज' नामक इस कार्यक्रम में एक हजार से अधिक व्यवसायियों, गैर लाभकारी संगठनों, सरकारी अधिकारियों और विश्व के परोपकारी व्यक्तियों ने हिस्सा लिया। बता दें कि अक्षय पात्र भारत में भूख से पीडि़त बच्चों को ना केवल भोजन उपलब्ध कराता है बल्कि उनमें शिक्षा को भी बढ़ावा देने का काम करता है।

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25 जुलाई को हुआ था टेक्सास गाला का आयोजन

ऑस्टिन, डलास और ह्यूस्टन में 'टेक्सास गाला' का 25 जुलाई को आयोजन किया गया। वर्चुअल तौर पर आयोजित इस कार्यक्रम के दौरान इंफोसिस के सह संस्थापक नारायण मूर्ति, वेस्टर्न डिजिटल के प्रेसिडेंट शिवा शिवराम ने अपने अनुभव भी बांटे। शिवा शिवराम को हाल ही में अक्षय पात्र फाउंडेशन, अमेरिका का चेयरमैन नियुक्त किया गया है। इस दौरान वाइस चेयरमैन श्रीवत्सन राजन भी मौजूद थे।

दुनिया का सबसे बड़ा गैर लाभकारी संगठन है अक्षय पात्र 

कार्यक्रम के दौरान कर्नाटक संगीतज्ञ जयश्री रामनाथ ने अपना गायन भी प्रस्तुत किया। अक्षय पात्र दुनिया का सबसे बड़ा गैर लाभकारी संगठन है जो देश के 12 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों के 19,039 स्कूलों के 18 लाख बच्चों को प्रतिदिन पौष्टिक भोजन उपलब्ध कराता है।

ऐसे हुई थी शुरुआत जानकारी के लिए बता दें कि अक्षय पात्र की शुरुआत साल 2000 में अक्षय पात्र 5 स्कूलों के 1500 बच्चों को मिड-डे मील खिलाने के साथ शुरू हुआ था। दरअसल, बेंगलुरु के इस्कॉन मंदिर के अध्यक्ष पद्मश्री मधु पंडित दास ने देखा कि कुछ बच्चे रोजाना मंदिर में आते हैं और खाना खाते हैं। जब बच्चों से पूछा तो उन्होंने बताया कि हम स्कूल में पढ़ते हैं। हम गरीब परिवार से हैं। भरपेट भोजन यहीं मिलता है। इसके बाद अक्षय पात्र फाउंडेशन की शुरूआत की गई।

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