WHO ने कहा, बड़ा खतरा कोरोना से नहीं बल्कि नेतृत्व अभाव से, ऐसे तो नहीं खत्म होगी महामारी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के महानिदेशक टेड्रॉस अदनोम घेब्रेयसस ने कहा है कि मौजूदा वक्त में सबसे बड़ा खतरा कोरोना से नहीं बल्कि वैश्विक स्तरों पर नेतृत्व और एकजुटता के अभाव से है।
जिनेवा, एएनआइ। विश्व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organisation) यानी डब्लूएचओ (WHO) के महानिदेशक टेड्रॉस अदनोम घेब्रेयसस (Tedros Adhanom Ghebreyesus) ने कहा है कि मौजूदा वक्त में सबसे बड़ा खतरा कोरोना से नहीं बल्कि वैश्विक एवं राष्ट्रीय स्तरों पर नेतृत्व और एकजुटता के अभाव से है। घेब्रेयसस ने कहा कि एक विभाजित दुनिया के तौर पर हम इस महामारी को परास्त नहीं कर सकते। यह एक ऐसी त्रासदी है जो हमें अपने कई दोस्तों को याद करने पर मजबूर कर रही हैं, कई जानें खो रही हैं।
वैश्विक नेताओं से कोरोना वायरस महामारी के खिलाफ एकजुटता से लड़ने का आह्वान करते हुए उन्होंने कहा, 'एक ऐसे साझा दुश्मन से लड़ने के लिए मनुष्यों को एकजुट करना कितना कठिन है जो अंधाधुंध लोगों को मार रहा है। क्या हम साझा दुश्मन में विभेद या पहचान करने में असमर्थ हैं? क्या हम यह नहीं समझ सकते कि हमारे बीच विभाजन या दरारें वास्तव में वायरस के लिए लाभकारी हैं?' उन्होंने वैश्विक ताकतों से साथ आने का आह्वान करते हुए कहा कि कोविड-19 वैश्विक एकजुटता और वैश्विक नेतृत्व की परीक्षा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के प्रमुख का यह बयान ऐसे समय आया है जब ट्रंप प्रशासन ने डब्लूएचओ से अमेरिका के हटने की घोषणा कर दी है। उल्लेखनीय है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप कोरोना संक्रमण फैलने के मामले में विश्व स्वास्थ्य संगठन की भूमिका को जिम्मेदार ठहरा चुके हैं। ट्रंप ने बीते दिनों कहा था कि अमेरिका विश्व स्वास्थ्य संगठन को सालाना 40.5 करोड़ डॉलर (450 मिलियन डॉलर) की सहायता करता है। इसके बाद भी केवल चार करोड़ डॉलर (40 मिलियन) की मदद करने वाले चीन क उस पर पूरा नियंत्रण है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, वहीं विश्व स्वास्थ्य संगठन की दो सदस्यीय टीम कोरोना वायरस की उत्पत्ति का पता लगाने के लिए चीन रवाना हो गई है। यह टीम शनिवार को बीजिंग पहुंचेगी। विशेषज्ञों की टीम कोरोना के स्रोत को लेकर जांच करेगी। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित दुनिया के कई नेताओं ने यह आरोप लगाया गया है कि इस घातक वायरस की उत्पत्ति वुहान लैब से हुई है। डब्ल्यूएचओ की टीम इन्हीं आरोपों की जांच करेगी। बीते दिनों चीन ने डब्ल्यूएचओ की टीम को आने की इजाजत दी थी।