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स्‍वाइन फ्लू से 10 गुना घातक है कोरोना, बार बार पनपने का खतरा, रोक के लिए जानें WHO ने क्‍या कहा

World Health Organization यानी WHO ने कहा है कि कोरोना वायरस के प्रकोप को पूरी तरह रोकने के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की जरूरत है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Tue, 14 Apr 2020 12:04 AM (IST)Updated: Tue, 14 Apr 2020 12:07 AM (IST)
स्‍वाइन फ्लू से 10 गुना घातक है कोरोना, बार बार पनपने का खतरा, रोक के लिए जानें WHO ने क्‍या कहा
स्‍वाइन फ्लू से 10 गुना घातक है कोरोना, बार बार पनपने का खतरा, रोक के लिए जानें WHO ने क्‍या कहा

जेनेवा, पीटीआइ। विश्‍व स्वास्थ्य संगठन (World Health Organization यानी WHO) ने कहा है कि कोविड-19 के प्रकोप को पूरी तरह रोकने के लिए सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन की जरूरत है। डब्लूएचओ के महा निदेशक टेड्रोस एडहैनम घेब्रेयसस ने सोमवार को आनलाइन ब्रीफिंग में कहा कि आज दुनिया भर के लोग जिस तरह एक-दूसरे से जुड़े हैं उससे इस वायरस के बार-बार पनपने और महामारी बनने का खतरा है। इस महामारी पर सुरक्षित और प्रभावी वैक्सीन विकसित करके ही काबू पाया जा सकता है।

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डब्लूएचओ प्रमुख ने कहा कि कोविड-19 वायरस स्वाइन फ्लू के वायरस एच-1एन-1 वायरस से दस गुना घातक है। उल्लेखनीय एच-1एन-1 वायरस ने 2009 में कई देशों में कहर बरपाया था। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि मुझे पूरी उम्मीद है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप डब्लूएचओ को दिये जाने वाले आर्थिक योगदान में कोई कटौती नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि ट्रंप से दो सप्ताह पूर्व फोन पर बात हुई थी। जहां तक मुझे जानकारी है वे बहुत मददगार हैं। मुझे उम्मीद है कि वे डब्लूएचओ के फंड में कोई कटौती नहीं करेंगे। 

गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति ने डब्लूएचओ प्रमुख पर कोरोना के बारे में सही जानकारियां छिपाने और चीन के साथ मिलीभगत करने का आरोप लगाते हुए अमेरिकी फंडिंग रोकने की चेतावनी दी थी। कोरोना वायरस की चपेट में आकर दुनिया में अब तक 1,14,000 से अधिक लोगों की जान जा चुकी है। इस वायरस का कहर थमने का नाम नहीं ले रहा है। चीन जो इस महामारी पर लगभग जीत दर्ज कर चुका था अब वहां फिरसे कोरोना संक्रमण के मामले बढ़ने लगे हैं। 

चीन में बीते चौबीस घंटों के दौरान 108 नए मामले सामने आए। इनमें 98 विदेश से आए लोग हैं। नए मामले सामने आने के बाद चीन में अब संक्रमित लोगों की संख्या 82,160 हो गई है। वहीं 3,341 लोग इस बीमारी से जान गंवा चुके हैं। चीन में ऐसे मरीजों की संख्या भी बढ़ी है, जिनमें कोरोना के कोई आम लक्षण नहीं दिखे। ऐसे 61 नए मामले सामने आए हैं। इनमें 12 विदेश से आए हैं। देश में ऐसे मामलों की संख्या बढ़कर 1,064 हो गई है। इन लोगों में बुखार, खांसी, गले में दर्द जैसे कोई लक्षण नहीं थे, लेकिन फिर भी जांच में वे कोरोना वायरस से संक्रमित मिले।

वहीं दक्षिण कोरिया में कोरोना संक्रमण के नए मामलों में हालांकि कमी देखने को मिली है, लेकिन ठीक हो चुके मरीजों के फिर से पॉजिटिव पाए जाने के मामले बढ़ते जा रहे हैं। दक्षिण कोरिया के रोग नियंत्रण केंद्र द्वारा सोमवार को जारी ताजा आंकड़ों के मुताबिक, पिछले 24 घंटों में जहां नए संक्रमितों की संख्या 25 रही, वहीं ठीक हो चुके मरीजों में से 116 लोग फिर कोरोना जांच में पॉजिटिव निकले। रोग नियंत्रण केंद्र के निदेशक जेओंग युन-क्योंग ने इस पर चिंता जाहिर करते हुए कहा कि इसकी वजह वायरस का फिर से सक्रिय होना हो सकता है।  


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