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डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर फिर लगाई रोक, जानें क्‍या बताई इसके पीछे की वजह

डब्ल्यूएचओ ने कोरोना मरीजों को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन और एचआइवी की दवा लोपिनवीर और रिटोनवीर के कंबिनेशन की खुराक देने पर फिर रोक लगा दी है।

By Krishna Bihari SinghEdited By: Published: Sun, 05 Jul 2020 06:02 AM (IST)Updated: Sun, 05 Jul 2020 06:02 AM (IST)
डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर फिर लगाई रोक, जानें क्‍या बताई इसके पीछे की वजह
डब्ल्यूएचओ ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर फिर लगाई रोक, जानें क्‍या बताई इसके पीछे की वजह

जेनेवा, रायटर। विश्व स्वास्थ्य संगठन यानी डब्ल्यूएचओ (World Health Organization, WHO) ने कोरोना मरीजों को मलेरिया की दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) और एचआइवी की दवा लोपिनवीर (Lopinavir) और रिटोनवीर (Ritonavir) के कंबिनेशन की खुराक देने पर फिर रोक लगा दी है। डब्ल्यूएचओ का कहना है कि इस दवा से मृत्युदर में कमी नहीं आ रही है। डब्ल्यूएचओ ने एक बयान में इन दोनों दवाओं के इस्तेमाल में यह सामने आया है कि इलाज के अन्य मानकों की तुलना में इनसे कोरोना मरीजों की मृत्युदर में मामूली या न के बराबर कमी आई है।

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डब्ल्यूएचओ ने कहा कि दवा के परीक्षण पर नजर रखने वाली अंतरराष्ट्रीय संस्था की सिफारिश पर इन दवाओं के इस्तेमाल पर रोक लगाने का फैसला किया गया है। बीते दिनों अमेरिका की नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ (NIH) ने कोरोना मरीजों के इलाज के लिए मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन (Hydroxychloroquine) की प्रभावशीलता का मूल्यांकन करने के लिए चल रहे क्लीनिकल ट्रायल पर रोक लगा दी थी। NIH की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि अस्पताल में भर्ती कोरोना वायरस के मरीजों के लिए यह दवा बहुत फायदेमंद नहीं है।

हाल ही में ब्रिटेन की चिकित्सा नियामक एजेंसी ने हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन का कोरोना मरीजों के इलाज के लिए परीक्षण बहाल करने की अनुमति दे दी थी। परीक्षण में देखा जाएगा कि दवा लेने पर स्वास्थ्य कर्मियों का कोरोना वायरस संक्रमण से बचाव होता है या नहीं। बता दें कि ब्रिटेन की दवा और स्वास्थ्य देखभाल उत्पाद नियामक एजेंसी ने पिछले महीने प्रतिष्ठित पत्रिका लांसेट में एक शोध छपने के बाद इस दवा के परीक्षण पर रोक लगा दी थी।

मलेरिया रोधी दवा हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन उस समय चर्चा में आ गई थी जब अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर यह दवा असरदार है और यह गेमचेंजर साबित हो सकती है। मेडिकल पत्रिका लांसेट जर्नल ने बीते दिनों हाइड्रोक्सी क्लोरोक्विन पर एक रिपोर्ट छापी थी जिसमें कहा गया था कि यह दवा (HCQ, Hydroxychloroquine) कोरोना संक्रमित मरीजों पर प्रभावी नहीं है। हालांकि लांसेट जर्नल बाद में अपनी इस रिपोर्ट से पीछे हट गया था।  


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