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Firing outside White House: फायरिंग की घटना से व्हाइट हाउस परिसर को कोई नुकसान नहीं: सीक्रेट सर्विस

व्हाइट हाउस के बाहर फायरिंग की घटना से परिसर के भीतर किसी को नुकसान की बात से इनकार करते हुए सीक्रेट सर्विस ने बताया कि संदिग्ध हमलावर को गोली लगी है और अस्पताल ले जाया गया है।

By Monika MinalEdited By: Published: Tue, 11 Aug 2020 08:44 AM (IST)Updated: Tue, 11 Aug 2020 08:44 AM (IST)
Firing outside White House:  फायरिंग की घटना से व्हाइट हाउस परिसर को कोई नुकसान नहीं:  सीक्रेट सर्विस
Firing outside White House: फायरिंग की घटना से व्हाइट हाउस परिसर को कोई नुकसान नहीं: सीक्रेट सर्विस

वाशिंगटन, एएनआइ।  फायरिंग की घटना से व्हाइट हाउस के परिसर में किसी तरह का नुकसान नहीं हुआ है और न ही सीक्रेट सर्विस के किसी सदस्य को चोट पहुंची है। यह जानकारी सीक्रेट सर्विस ने सोमवार को दी। सीक्रेट सर्विस के एजेंटों ने संदिग्ध हमलावर को गोली मारकर गिरफ्तार कर लिया। इसके बाद घायल हमलावर को अस्पताल ले जाया गया।

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इस दौरान व्हाइट हाउस में डेली ब्रीफिंग को संबोधित कर रहे राष्ट्रपति के पास सीक्रेट सर्विस के एजेंट ने पहुंच कर पूरी सतर्कता के साथ उन्हें सुरक्षित ओवल ऑफिस में पहुंचा दिया। वहीं ब्रीफिंग रूम को लॉक कर दिया गया। रूम में पत्रकार मौजूद थे। 3 नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव में ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी के उम्मीदवार हैं और उनका मुकाबला पूर्व उप राष्ट्रपति व डेमोक्रेटिक उम्मीदवार जो बिडेन से है। राष्ट्रपति ट्रंप ने कहा कि इस घटना और हमलावर के उद्देश्यों के बारे में उन्हें कोई जानकारी नहीं। 

1865 में हुई थी सीक्रेट सर्विस एजेंसी की स्थापना

अमेरिकी राष्ट्रपति की सुरक्षा करने के लिए सीक्रेट सर्विस एजेंसी की स्थापना की गई थी। इसका गठन वर्ष 1865 में किया गया था। अमेरिका की सीक्रेट सर्विस के एजेंट देश के राष्ट्रपति से जुड़े खतरों और धमकियों का पहले ही अनुमान लगा लेते हैं। इनपर राष्ट्रपति के रेस्टरूम से लेकर मॉर्निंग वॉक तक, हर स्तर पर सुरक्षा की जिम्मेवारी होती है। राष्ट्रपति के विदेश के दौरे के दौरान ये सीक्रेट एजेंट्स और भी सजग होते हैं। राष्ट्रपति से पहले लोकेशन की जांच करते हैं। साथ ही इस दौरान राष्ट्रपति से मिलने वाले तमाम लोगों की जानकारी इकट्ठा करते हैं। वर्ष 2017 के आंकड़ों के अनुसार इनके ऑपरेशन पर कुल 75 करोड़ डॉलर का खर्च आया था।


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