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जानें- क्या है ब्रेकथ्रू संक्रमण, जो कोरोना वैरिएंट के खिलाफ प्रदान करता है मजबूत सुरक्षा, अध्ययन में किया गया दावा

एक नवीनतम अध्ययन में जानकारी सामने आई है कि ब्रेकथ्रू संक्रमण कोरोना के बदलते स्वरूपों (वैरिएंट) से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है। ब्रेकथ्रू संक्रमण उसे कहते हैं जब कोई व्यक्ति कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के दो हफ्ते के बाद संक्रमित हो जाता है।

By TaniskEdited By: Published: Fri, 17 Dec 2021 07:04 PM (IST)Updated: Sat, 18 Dec 2021 07:13 AM (IST)
जानें- क्या है ब्रेकथ्रू संक्रमण, जो कोरोना वैरिएंट के खिलाफ प्रदान करता है मजबूत सुरक्षा, अध्ययन में किया गया दावा
कोरोना वैरिएंट के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा पैदा करता है ब्रेकथ्रू संक्रमण।

वाशिंगटन, प्रेट्र। कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रोन ने विश्व भर में डर का माहौल पैदा कर दिया है। अब तक के अध्ययन और आंकड़ों से यह माना जा रहा है कि यह वैरिएंट वैक्सीन से मिली सुरक्षा को भी चकमा दे रहा है या उसके असर को कम कर रहा है। एक नवीनतम अध्ययन में जो जानकारी सामने आई है वह डर और भय के इस मामलों में कुछ राहत प्रदान करती है। इसके मुताबिक ब्रेकथ्रू संक्रमण कोरोना के बदलते स्वरूपों (वैरिएंट) से मजबूत सुरक्षा प्रदान करता है।

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'जर्नल आफ द अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन (जेएएमए)' नामक पत्रिका में प्रकाशित शोध अध्ययन के मुताबिक ब्रेकथ्रू संक्रमण कोरोना के डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ मजबूत प्रतिरक्षा पैदा करता है। अध्ययन से यह भी संकेत मिला है कि ब्रेकथ्रू संक्रमण वाले लोगों में पैदा हुई मजबूत प्रतिरक्षा कोरोना वायरस के बदलते स्वरूपों के खिलाफ भी उच्च प्रभावी रहेगी। हालांकि, इस अध्ययन ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर अलग से कोई आकलन नहीं किया गया।

क्या है ब्रेकथ्रू संक्रमण

बता दें कि ब्रेकथ्रू संक्रमण उसे कहते हैं जब कोई व्यक्ति कोरोना रोधी वैक्सीन की दोनों डोज लेने के दो हफ्ते के बाद संक्रमित हो जाता है। शोध अध्ययन के वरिष्ठ लेखक और अमेरिका की ओरेगांव हेल्थ एंड साइंस यूनिवर्सिटी (ओएचएसयू) में सहायक प्रोफेसर फिकाडू तफेसे ने कहा, 'आप इससे बेहतर प्रतिरक्षा नहीं हासिल कर सकते हैं। ये वैक्सीन गंभीर बीमारी के खिलाफ बहुत प्रभावी होती हैं।'

ब्रेकथ्रू संक्रमण के शिकार होने वालों में सुपर प्रतिरक्षा पैदा होती है

उन्होंने कहा कि अध्ययन में हमने पाया है कि टीका लगवाने के बाद ब्रेकथ्रू संक्रमण के शिकार होने वालों में सुपर प्रतिरक्षा पैदा होती है। अध्ययन के दौरान ब्रेकथ्रू संक्रमण वाले लोगों में एंटीबाडी की मात्रा और प्रभाव की जांच की गई। इसमें पाया गया कि फाइजर वैक्सीन की दूसरी डोज के दो सप्ताह बाद उत्पन्न एंटीबाडी की तुलना में ब्रेकथ्रू मामलों के रक्त के नमूनों में एंटीबाडी-मात्रा और प्रभाव दोनों ही मामलों में 1,000 प्रतिशत अधिक थी।

महामारी के अंत की ओर बढ़ रहे हैं

अध्ययन के नतीजे बताते हैं कि टीकाकरण के बाद होने वाला संक्रमण भविष्य में कोरोना के नए वैरिएंट से होने वाले संक्रमण के खिलाफ भी मजबूत सुरक्षा प्रदान करने का काम करता है। ओएचएसयू स्कूल आफ मेडिसिन में एसोसिएट प्रोफेसर और अध्ययन के सह लेखक मार्सेल कर्लिन कहते हैं कि भले ही अभी महामारी खत्म नहीं होने जा रही है, लेकिन यह इंगित करता है कि इसके अंत की तरफ बढ़ रहे हैं।

कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अहम हथियार

तफेसे ने कहा कि ओमिक्रोन वैरिएंट को लेकर कोई विशेष अध्ययन नहीं किया गया है। परंतु, इस अध्ययन के नतीजों से हम यह अनुमान लगा रहे हैं कि ओमिक्रोन से होने वाले ब्रेकथ्रू संक्रमण से भी इसी तरह की मजबूत प्रतिरक्षा पैदा होगी। यह अध्ययन विश्वविद्यालय के 52 कर्मचारियों पर किया गया जिन्होंने फाइजर की वैक्सीन लगवाई थी। इनमें से 26 लोगों में हल्का ब्रेकथ्रू संक्रमण पाया गया। इन 26 में 10 में डेल्टा वैरिएंट से, नौ में गैर डेल्टा वैरिएंट से और सात में अनजान वैरिएंट से ब्रेकथ्रू संक्रमण मिला था। कर्लिन कहते हैं कि कोरोना महामारी के खिलाफ टीकाकरण अहम हथियार है। यह व्यक्ति को सुरक्षा का आधार प्रदान करता है।


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