चीन की आंतरिक सुरक्षा में अमेरिका का है बिग रोल- जानें, क्या है पूरा मामला
हालांकि राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका चीन को अमेरिकी निर्मित उपग्रहों को खरीदने की अनुमति नहीं देता।
वाशिंगटन, एएफपी । यह जान कर आपको हैरानी हो सकती है कि उपग्रह प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अमेरिका को कड़ी टक्कर देने वाला चीन अपनी आतंरिक सुरक्षा के लिए उसके उपग्रहों का उपयोग करता है। स्ट्रीट जर्नल की यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब कुछ दिन पूर्व यह खबर आई थी कि उपग्रह प्रौद्योगिकी में चीन ने अमेरिका को कड़ी टक्कर दी है। इतना ही नहीं कर्इ मामलों में चीन ने अमेरिका को पीछे छोड़ दिया है।
इस जर्नल में कहा गया है कि अमेरिका निर्मित उपग्रहों का एक बेड़ा चीन की आतंरिक सुरक्षा में लगी पुलिस को मदद करता है। हालांकि, राष्ट्रीय सुरक्षा कारणों के चलते संयुक्त राज्य अमेरिका चीन को अमेरिकी निर्मित उपग्रहों को खरीदने की अनुमति नहीं देता। अमेरिकी जर्नल के मुताबिक चीन ने 2008-09 में तिब्बत और शिनजियांग में अल्पसंख्यकों द्वारा सरकार विरोधी प्रदर्शनों से निपटने और आपात स्थितियों में संचार के लिए अमेरिकी निर्मित उपग्रहों को उपयोग किया है।
वर्ष 2013 की शुरुआत में एक चीनी राज्य दूरसंचार फर्म ने चीन की सेना को मोबाइल और इंटरनेट सेवाएं प्रदान करने के लिए एशियासैट उपग्रह की क्षमता का इस्तेमाल किया। इससे चीनी सेना की क्षमता में बढ़ोत्तरी हुई है। हालांकि, वाशिंगटन चीन के उन प्रतिष्ठानों एवं ठिकानों को मान्यता नहीं देता, जो उसकी सैन्य पहुंच को सुदृढ़ और प्रभावी बनाता हो। एशियासैट को संयुक्त रूप से चनी की विशाल सरकार समर्थित निवेश बैंक और अमेरिकी निवेश बैंक द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
अमेरिका में सार्वजनिक रूप से सूचीबद्ध तीन दशक पुरानी इस कंपनी ने अब तक कुल नौ उपग्रह लॉच किए हैं। एशियासैट उपग्रह को अमेरिकी एयरोनॉटिक्स और स्पेस फर्म बोइंग और एसएसएल द्वारा निर्मित किया गया है। एशियासैट ने जर्नल को बताया कि चीन की सेना ने उन दूरसंचार ऑपरेटरों के माध्यम से उपग्रहों सेवाओं का उपयोग किया था, जो आपदा राहत के लिए बैंडविड्थ रखती थीं।