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रिपोर्ट में खुलासा: अमेरिका में H-1B धारकों का होता है शोषण, कम सैलरी में करना पड़ता है काम

H-1B Visa Holder Indians, रिपोर्ट के मुताबिक, एच-1बी वीजाधारकों को अक्सर खराब स्थितियों में काम कराया जाता है और इन लोगों के साथ शोषण की आशंका बनी रहती है।

By Arti YadavEdited By: Published: Thu, 17 Jan 2019 03:02 PM (IST)Updated: Thu, 17 Jan 2019 03:02 PM (IST)
रिपोर्ट में खुलासा: अमेरिका में H-1B धारकों का होता है शोषण, कम सैलरी में करना पड़ता है काम
रिपोर्ट में खुलासा: अमेरिका में H-1B धारकों का होता है शोषण, कम सैलरी में करना पड़ता है काम

वॉशिंगटन, पीटीआइ।  H-1B Visa Holder Indians, अगर आप भी एच-1बी वीजा (H-1B Visa) के जरिए अमेरिका (America) में नौकरी करने के बारे में सोच रहे हैं, तो सावधान हो जाइए। क्या पता आपको बाद में पछताना पड़े। एक रिपोर्ट के मुताबिक, एच-1बी वीजाधारकों (H-1B Visa Holders) को अक्सर खराब स्थितियों में काम कराया जाता है और इन लोगों के साथ शोषण की आशंका बनी रहती है। साउथ एशिया सेंटर ऑफ द अटलांटिक काउंसिल ने इस बारे में अपनी रिर्पोट दी है। इस रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन लोगों के पास एच-1बी वीजा है, उन्‍हें तुलना में कम सैलरी मिलती है। यह रिपोर्ट भारतीयों के लिए इसलिए और भी ज्‍यादा महत्वपूर्ण हो जाती है, क्‍योंकि इस वीजा के धारकों में भारतीयों की संख्‍या सबसे ज्‍यादा है। एच-1B वीजा पर भारत से बड़ी संख्या में युवा हर साल अमेरिका जाते हैं।

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दरअसल अमेरिका के साउथ एशिया सेंटर ऑफ द अटलांटिक काउंसिल की ओर से एच-1बी वीजा पर एक नई रिपोर्ट प्रकाशित की गई है। थिंक टैंक ने इस रिपोर्ट में तीन प्रमुख सुधारों का सुझाव भी दिया और कहा कि ये सभी नियोक्ताओं पर लागू होने चाहिए। इनमें एच-1बी वीजाधारकों का वेतन बढ़ाना और एक प्रभावी एवं उचित क्रियावली को लागू करने जैसे उपाय शामिल हैं। इस रिपोर्ट को हॉवर्ड यूनिवर्सिटी की रॉन हिरा ने तैयार किया है। इसके अलावा साउथ एशिया सेंटर ऑफ द एटलांटिक काउंसिल के हेड भारत गोपालस्‍वामी ने भी उनकी मदद की है।

वीजा धारको को मिलती है बहुत कम सैलरी

बता दें कि रिपोर्ट के मुताबिक वर्तमान में जो वीजा सिस्‍टम है, वह न सिर्फ अमेरिकियों को नुकसान पहुंचा रहा है बल्कि उससे एच-1बी वीजा धारकों का शोषण भी हो रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'एच-1बी वीजाधारकों को बहुत कम सैलरी मिलती है, शोषण का खतरा भी बढ़ जाता है और उन्‍हें बहुत ही खराब स्थितियों में काम करना पड़ता है।' अगर सुरक्षा के नियमों को अपनाया जाए, तो वीजा धारकों के रहन-सहन के स्‍तर में सुधार आ सकता है। साथ ही साथ इससे अमेरिकी कर्मचारियों के हितों की भी रक्षा हो सकती है।

थिंक टैंक ने दिए ये सुझाव

थिंक टैंक की ओर से जिन सुधारों की सलाह दी गई है उसमें तीन सुझाव सबसे अहम हैं। इन सुझावों में सबसे पहला सुधार वीजा धारकों की सैलरी बढ़ाया जाना शामिल है। इसमें कहा गया है कि अगर अमेरिका अच्‍छे और सबसे बुद्धिमान कर्मचारियों को आकर्षित करना चाहता है, तो उन्‍हें अच्‍छी सैलरी ऑफर की जानी चाहिए। रिपोर्ट में दूसरी सलाह यह दी गई है कि इंप्‍लॉयर्स को हर बार इस बात का प्रदर्शन करना चाहिए कि उन्‍होंने अमेरिकी कर्मचारियों को सक्रियता से शामिल किया है। इसके अलावा योग्‍य लोगों को सही पोस्‍ट की पेशकश की गई है। जो तीसरा सुझाव रिपोर्ट में दिया गया है उसमें कहा गया है कि एच-1बी वीजा प्रोग्राम को एक प्रभावशाली और योग्‍य तंत्र की जरूरत है।

ट्रंप कर सकते हैं वीजा में नए बदलाव

गौरतलब है कि यह रिपोर्ट ऐसे समय आई है, जब राष्‍ट्रपति ट्रंप जल्‍द ही एच-1बी वीजा में नए बदलावों की घोषणा करने वाले हैं। पिछले दिनों ट्रंप ने अपनी एक ट्वीट में इस बात की तरफ इशारा किया था। उन्‍होंने इस ट्वीट में लिखा था, 'अमेरिका में एच-1बी धारकों को सुनिश्चित किया जा सकता है कि अगले कुछ दिनों में बदलाव होंगे, जिनके जरिए आपके निवास में निश्चितता आ सकती है और साथ ही संभावित नागरिकता का रास्‍ता भी खुल सकता है।'


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