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अमेरिका में नहीं थमा हिंसा और प्रदर्शनों का सिलसिला, पत्नी ने कहा- जॉर्ज फ्लॉयड एक अच्छे इंसान थे

रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक पार्टियों के गवर्नर और मेयर ने ट्रंप द्वारा सेना उतारने की धमकी को खारिज कर दिया है।

By Bhupendra SinghEdited By: Published: Wed, 03 Jun 2020 08:03 PM (IST)Updated: Wed, 03 Jun 2020 08:03 PM (IST)
अमेरिका में नहीं थमा हिंसा और प्रदर्शनों का सिलसिला, पत्नी ने कहा- जॉर्ज फ्लॉयड एक अच्छे इंसान थे
अमेरिका में नहीं थमा हिंसा और प्रदर्शनों का सिलसिला, पत्नी ने कहा- जॉर्ज फ्लॉयड एक अच्छे इंसान थे

वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका में पुलिस हिरासत में अश्वेत व्यक्ति की मौत के मामले में हो रहे प्रदर्शनों का सिलसिला मंगलवार आठवें दिन भी नहीं थमा। दसियों हजार लोग विभिन्न शहरों में सड़कों पर उतर आए। लॉस एंजिलिस, फिलाडेल्फिया, अटलांटा और सिएटल में जहां ब़़डे मार्च और रैलियां हुईं वहीं वाशिंगटन डीसी, पोर्टलैंड और ओरेगन में प्रदर्शन के बीच छिटपुट हिंसा की घटनाएं सामने आई।

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पत्नी रॉक्सी वाशिंगटन ने कहा- पुलिस हिंसा के शिकार हुए जॉर्ज फ्लॉयड एक अच्छे इंसान थे 

पत्नी बोली, फ्लॉयड एक अच्छे इंसान थे पुलिस हिंसा का शिकार हुए अश्वेत जॉर्ज फ्लॉयड की पत्नी रॉक्सी वाशिंगटन मंगलवार को मिनीपोलिस में आयोजित एक प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि कोई उनके विषय में कुछ भी सोचें, इससे मुझे कोई फर्क नहीं पड़ता है। वह एक अच्छे इंसान थे। फ्लॉयड की छह वर्षीय बेटी गियाना की तरफ इशारा करते हुए वाशिंगटन ने कहा, 'मैं चाहती हूं कि हर कोई यह जाने कि उन अधिकारियों ने मुझसे क्या छीना है। वह अब उसे कभी भी बड़े होते हुए और पढ़ते नहीं देख सकेंगे। मैं फ्लॉयड के लिए न्याय की मांग करती हूं।'

पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प, पूरे देश में आठ हजार लोग गिरफ्तार

न्यूयॉर्क में पुलिस और प्रदर्शनकारियों में झड़प हुई। प्रदर्शनकारियों द्वारा कुछ स्टोरों में लूटपाट करने की बात भी सामने आई है। न्यूयॉर्क में रविवार तक रात आठ बजे से सुबह पांच बजे तक कर्फ्यू का एलान किया गया। अब तक पूरे देश में आठ हजार लोगों को गिरफ्तार किया गया है। मंगलवार को वाशिंगटन डीसी में उसी पार्क के पास एक बार फिर से प्रदर्शन किया गया, जहां पर सोमवार को उन्हें मंजूरी दी गई थी, ताकि वहां से होकर राष्ट्रपति ट्रंप ऐतिहासिक चर्च तक जा सकें।

अमेरिकी संसद के बाहर लोगों ने घुटनों के बल बैठकर किया प्रदर्शन 

मंगलवार दोपहर अमेरिकी संसद के बाहर भी लोगों ने घुटनों के बल बैठकर प्रदर्शन किया। इस दौरान लोग 'साइलेंस इज वाइलेंस' और 'नो जस्टिस नो पीस' जैसे नारे लगा रहे थे। पूरे शहर में कर्फ्यू का उल्लंघन करते हुए देर रात तक प्रदर्शनकारी डटे रहे। प्रदर्शनकारियों ने एक दिन पहले लिंकन मेमोरियल को क्षतिग्रस्त कर दिया था, इसी के मद्देनजर मंगलवार को मेमोरियल की सीढ़ियों पर नेशनल गार्ड तैनात रहे। उधर, न्यूयॉर्क में कर्फ्यू को धता बताते हुए प्रदर्शनकारियों ने बार्कलेज सेंटर से ब्रूकलिन ब्रिज तक मार्च किया। हालांकि जब ये लोग मैनहट्टन ब्रिज के ऊपर जाने का प्रयास किया तो उन्हें रोक दिया गया। सोमवार को बफेलो में प्रदर्शन के दौरान तीन पुलिस अधिकरियों पर गा़़डी चढ़ाने के आरोप में गिरफ्तार कर लिया गया।

लॉस एंजिलिस में मेयर ने प्रदर्शनकारियों संग दिखाई एकजुटता 

लॉस एंजिलिस में भी सैक़़डों प्रदर्शनकारियों ने पुलिस मुख्यालय के बाहर प्रदर्शन किया। मेयर ने भी घुटनों के बल बैठकर प्रदर्शनकारियों के साथ एकजुटता प्रदर्शित की। इस दौरान कुछ प्रदर्शनकारी पुलिस के लोगों को गले लगाते और हाथ मिलाते दिखे। बता दें कि वर्ष 1992 में एक अश्वेत व्यक्ति को पीटने के आरोप में पकड़े गए चार पुलिस वालों को छोड़ने के बाद लॉस एंजिलिस में दंगा भड़क गया था। दंगे में 60 लोगों की मौत हुई थी और आठ हजार करोड़ की सार्वजनिक संपत्ति नष्ट हुई थी।

वाशिंगटन डीसी में 1600 अमेरिकी सैनिक तैनात

वाशिंगटन डीसी में 1600 अमेरिकी सैनिक तैनात किए हैं। हालांकि पेंटागन के प्रवक्ता जोनाथन हॉफमैन ने एक बयान में कहा कि सैनिकों की तैनाती वाशिंगटन डीसी में नहीं बल्कि राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के सैन्य अड्डों पर की गई है। सैनिकों को हाई अलर्ट पर रखा गया है, लेकिन उन्हें पुलिस के काम में सहयेाग करने का कोई आदेश नहीं दिया गया है। प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं अधिकांश अमेरिकी रायटर और इप्सोस द्वारा किए गए सर्वे में यह पता चला है कि अधिकांश अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं।

64 फीसद अमेरिकी प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं: सर्वे 

सोमवार और मंगलवार को किए गए सर्वे में 64 फीसद अमेरिकी वयस्क प्रदर्शनकारियों के प्रति सहानुभूति रखते हैं। 27 फीसद ने इसके विपरीत राय दर्शाई है, जबकि नौ फीसद कोई राय व्यक्त नहीं की है।

रिपब्लिकन और डेमोक्रेट दोनों ने खारिज की ट्रंप की सेना उतारने की धमकी

रिपब्लिक और डेमोक्रेटिक पार्टियों के गवर्नर और मेयर ने ट्रंप द्वारा सेना उतारने की धमकी को खारिज कर दिया है। कुछ ने जहां इसे अनावश्यक बताया है, वहीं कुछ ने सरकार द्वारा इसे लागू करने के वैधानिक अधिकारों पर सवाल किया है। कुछ मेयर और गवर्नर ऐसे भी हैं, जिन्होंने चेतावनी दी है कि इससे हालात और खराब होंगे। व्हाइट हाउस के वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि राष्ट्रपति सेना उतारने के मुद्दे पर कोई जल्दबाजी नहीं करना चाहते हैं। उनका मुख्य मकसद यह है कि ज्यादा से ज्यादा प्रांतों के गवर्नर नेशनल गार्ड के जवान तैनात करें।

न्यूयॉर्क के गवर्नर ने मेयर पर उठाए सवाल

न्यूयॉर्क के गवर्नर एंड्रयू कुओमो ने प्रदर्शन के दौरान न्यूयॉर्क सिटी में हुई लूट को अपमानजनक और अक्षम्य करार दिया है। साथ ही पुलिस विभाग और मेयर बिल डी ब्लासियो पर अपना काम ठीक से नहीं करने का आरोप लगाया है।

नस्लवाद के खिलाफ हम आंख नहीं मूंद सकते: पोप फ्रांसिस

पोप फ्रांसिस ने जॉर्ज फ्लॉयड की मौत के विरोध में अमेरिका में हो रहे विरोध प्रदर्शनों पर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने कहा कि नस्लवाद के खिलाफ हम आंख नहीं मूंद सकते हैं। अपने साप्ताहिक संबोधन में पोप ने कहा, 'मेरे दोस्तों हम जातिवाद और बहिष्कार को किसी भी रूप में स्वीकार नहीं कर सकते हैं। हर मानव जीवन की रक्षा करना हमारा दायित्व है। हिंसा से भी कुछ भी हासिल नहीं होगा।'

ईरान के सर्वोच्च नेता खामनेई ने अमेरिका पर साधा निशाना

ईरान के सर्वोच्च नेता आयतुल्ला अली खामनेई ने मानवाधिकारों को लेकर अमेरिका पर हमला बोला है। खामनेई ने कहा कि अमेरिका में वे लोग खुलेआम लोगों को मार देते हैं, लेकिन माफी नहीं देते हैं। 1979 में हुई इस्लामिक क्रांति के प्रमुख नेता आयतुल्ला खोमैनी की जयंती पर आयोजित कार्यक्रम में कहा कि खामनेई ने कहा कि अमेरिका में जो कुछ भी हुआ वह नया नहीं है। यह अमेरिकी प्रकृति है। वह वही कर रहे हैं जो पूरी दुनिया में करते हैं।


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