चीन के तुरपान शहर में 15 यातना शिविरों में कैद हैं उइगर मुस्लिम, 'डिज्नी' भी आई निशाने पर
ब्रिटेन के 130 सांसदों ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के सामूहिक उत्पीड़न की निंदा करते हुए चीनी राजदूत को एक पत्र लिखा है।
वॉशिंगटन, एजेंसियां। चीन के उत्तर-पश्चिम प्रांत शिनजियांग के तुरपान शहर में 15 और यातना शिविरों का पता चला है, जहां उइगर मुस्लिमों को कैद करके रखा गया है। ये ठिकाने उसी इलाके में हैं, जहां दिग्गज अमेरिकी प्रोडक्शन हाउस डिज्नी की नई फिल्म 'मुलान' के कई दृश्यों को फिल्माया गया है। इस फिल्म की कहानी का सीधा संबंध चीन से है। वॉशिंगटन स्थित एक उइगर संगठन ने यह जानकारी साझा की है।
चीनी संस्थाओं का आभार जताने पर डिजनी की आलोचना
यातना शिविरों की नई जानकारी सामने आने के बाद डिज्नी भी निशाने पर आ गई है। 11 सितंबर को पूरे चीन में रिलीज होने जा रही इस फिल्म को लेकर विवाद इसलिए पैदा हुआ कि फिल्म निर्माण में सहयोग के लिए डिज्नी ने तुरपान के जन सुरक्षा विभाग और कम्युनिस्ट पार्टी के प्रचार विभाग का आभार जताया है। ये चीन सरकार की वही संस्थाएं हैं, जो उइगर मुस्लिमों की सामूहिक नजरबंदी के लिए सीधे तौर पर जिम्मेदार मानी जाती हैं। फिल्म की मुख्य किरदार लियू याइफी की भी इस बात के लिए आलोचना की जा रही है उन्होंने लोकतंत्र समर्थक प्रदर्शनकारियों के खिलाफ हांगकांग पुलिस का समर्थन किया है।
ईटीएनएएम ने तुरपान क्षेत्र के 130 किलोमीटर के दायरे में 10 यातना शिविरों की दी जानकारी
उइगरों के लिए समर्पित संस्था ईस्ट तुर्किस्तान नेशनल अवेकनिंग मूवमेंट (ईटीएनएएम) ने इस बार तुरपान क्षेत्र के 130 किलोमीटर के दायरे में 10 यातना शिविरों और पांच कारागारों की सटीक जानकारी दी है। इससे पहले पिछले साल नवंबर में ईस्ट तुर्किस्तान में स्थित 182 यातना शिविरों, 209 कारागारों और 74 श्रम शिविरों का ब्योरा दिया गया था।
एमनेस्टी ने ट्वीट कर की डिज्नी की आलोचना
मानवाधिकार संगठन 'एमनेस्टी इंटरनेशनल' ने भी ट्वीट कर डिज्नी की आलोचना की है। इसमें कहा गया है कि डिज्नी ने शिनजियांग प्रांत में शूटिंग की, लेकिन उइगर मुस्लिमों के मानवाधिकारों का ख्याल नहीं रखा।
ब्रिटिश सांसदों की चिट्ठी चीनी राजदूत के नाम
ब्रिटेन के 130 सांसदों ने चीन के शिनजियांग प्रांत में उइगर मुस्लिमों के सामूहिक उत्पीड़न की निंदा करते हुए चीनी राजदूत को एक पत्र लिखा है। इसमें मानवाधिकारों का घोर उल्लंघन तुरंत बंद करने को कहा गया है। पत्र में जबरन नसबंदी, सामूहिक नजरबंदी से जुड़ी रिपोर्ट के अलावा कुछ वीडियो का हवाला दिया गया है, जिनमें उइगर मुस्लिमों पर अत्याचार के दृश्य कैद हैं।