FATF का सुझाव पूरा न करने से पाकिस्तान के आर्थिक सुधार पर पड़ेगा विनाशकारी प्रभाव- अमेरिका
एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि एफएटीएफ के सुझाव को पूरा नहीं करने से पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
वाशिंगटन, पीटीआइ। फाइनेंशियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) द्वारा सुझायी गई कार्ययोजना को पूरा न करना पाकिस्तान को भारी पड़ सकता है। एक शीर्ष अमेरिकी राजनयिक ने कहा कि एफएटीएफ के सुझाव को पूरा नहीं करने से पाकिस्तान के आर्थिक सुधार कार्यक्रम पर विनाशकारी प्रभाव पड़ेगा।
अमेरिका की वरिष्ठ राजनयिक एलिस वेल्स ने यह बात शुक्रवार को कही। पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा था कि देश एफएटीएफ के 'ग्रे लिस्ट' से बाहर होगा। देश ने एफएटीएफ के सुझाव को काफी हदतक पूरा किया है। इसी के बाद वेल्स का यह बयान सामने आया है।
ब्लैकलिस्ट होने पर क्या असर पड़ेगा
वेल्स ने यहां रिपोर्टरों से बात करते हुए कहा 'जाहिर है, पाकिस्तान एफएटीएफ के सुझावों को पूरा करने में असफल रहने के बाद ब्लैकलिस्ट होता है, तो यह उसके आर्थिक सुधार कार्यक्रम और निवेशकों को आकर्षित करने की क्षमता के लिए विनाशकारी साबित होगा।'
पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदम देखकर हमें खुशी हुई
वेल्स ने कहा कि एफएटीएफ के सुझावों पर अमल करने की दिशा में पाकिस्तान द्वारा उठाए गए कदम को देखकर हमें खुशी हुई है। वेल्स हाल ही में इस्लामाबाद की यात्रा से लौटी हैं। वह एक सवाल का जवाब दे रही थी कि अगर पाकिस्तान एफएटीएफ के सुझावों को पूरा नहीं करता है तो अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष द्वारा दिया जाने वाला धन प्रभावित हो सकता है।
टास्क फोर्स के मूल्यांकन के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा
पाकिस्तान एफएटीएफ के सुझावों को पूरा नहीं करता है तो इसका प्रभाव अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आइएमएफ) से उसे मिलने वाला धन पर पड़ सकता है? इसका जवाब देते हुए वेल्स ने कहा कि इस समय बीजिंग में एक बैठक चल रही है जहां पाकिस्तान अपने कार्यों को टास्क फोर्स के समक्ष प्रस्तुत कर रहा है। टास्क फोर्स के मूल्यांकन के बाद ही कुछ कहा जा सकेगा।
सुझावों पर अमल में विफल रहने पर ब्लैकलिस्ट हो सकता है पाकिस्तान
वेल्स ने कहा कि आतंक के खिलाफ कार्रवाई में पाकिस्तान जितनी गंभीरता दिखाएगा। उतना ही उसके साथ अंतरराष्ट्रीय और व्यापारिक समुदाय पाकिस्तान के साथ काम करने में विश्वास दिखाएंगे। गौरतलब है कि एफएटीएफ ने पिछले साल अक्टूबर में पाकिस्तान को 'ग्रे-लिस्ट' में रखा था। अगर वह इन सुझावों पर अमल करने पर विफल रहता है तो वह ब्लैकलिस्ट हो सकता है। इस समय बीजिंग में हम्मद अजहर की नेतृत्व में एक पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल एफएटीएफ के सुझाव को लेकर क्या कदम उठाए गए हैं इसका ब्योरा दे रहा है।
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