फिलिस्तीन को वित्तीय मदद नहीं देगा अमेरिका, ट्रंप का फैसला
ट्रंप के प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीन रिफ्यूजी एजेंसी (UNRWA) को देने वाली सभी वित्तीय सहायता को खत्म करने की घोषणा की है।
वॉशिंगटन (पीटीआइ)। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन ने संयुक्त राष्ट्र की फिलिस्तीन रिफ्यूजी एजेंसी (UNRWA) को देने वाली सभी वित्तीय सहायता को खत्म करने की घोषणा की है। ट्रंप प्रशासन ने एजेंसी पर कई खामियां होने का आरोप लगाया है। शुक्रवार को राज्य विभाग की प्रवक्ता हीदर नौर्ट ने कहा, 'प्रशासन ने इस मुद्दे की सावधानीपूर्वक समीक्षा की है और यह निर्धारित किया है कि संयुक्त राज्य अमेरिका यूएनआरडब्ल्यूए में अतिरिक्त योगदान नहीं देगा।' उन्होंने कहा कि अमेरिका अब इस अविश्वसनीय रूप से दोषपूर्ण संचालन के लिए और अधिक धनराशि नहीं दे पाएगा। जनवरी में उसने यूएनआरडब्लूए में 60 मिलियन अमेरिकी डॉलर का योगदान दिया था।
हीदर नौर्ट ने कहा कि अमेरिका निर्दोष फिलिस्तीनियों, विशेष रूप से स्कूल के बच्चों, यूएनआरडब्लूए की विफलता जैसे अहम मसलों पर चिंतित रहा है। ये बच्चे मध्य पूर्व के भविष्य का हिस्सा हैं। फिलिस्तीनी एक अंतहीन संकट से संचालित सेवा प्रावधान मॉडल से बेहतर हकदार हैं। उन्होंने कहा कि वे भविष्य के लिए योजना बनाने में सक्षम होने के लायक हैं।
ऐसे में अमेरिका संयुक्त राष्ट्र, मेजबान सरकारों और अंतरराष्ट्रीय हितधारकों के साथ नए मॉडल और नए दृष्टिकोणों के बारे में बातचीत को तेज करेगा, जिसमें संयुक्त राज्य अमेरिका और अन्य भागीदारों से प्रत्यक्ष द्विपक्षीय सहायता शामिल हो सकती है, जो आज के फिलिस्तीनी बच्चों के उज्ज्वल भविष्य के लिए भरोसेमंद रास्ता प्रदान करेगी।
हालांकि अमेरिकी के इस निर्णय पर संयुक्त राष्ट्र ने खेद व्यक्त किया है। संयुक्त राष्ट्र महासचिव के लिए प्रवक्ता स्टीफन डुजारिक ने कहा, 'हमें यूएनआरडब्लूए को आगे वित्त पोषण प्रदान करने के संयुक्त राज्य के फैसले पर खेद है, जो फिलिस्तीन शरणार्थियों को आवश्यक सेवाएं प्रदान करता है और इस क्षेत्र में स्थिरता में योगदान देता है। अमेरिका पारंपरिक रूप से यूएनआरडब्लूए में सबसे बड़ा योगदानकर्ता रहा है। हम वर्षों से इसके समर्थन की सराहना करते रहे हैं।'
डुजारिक ने कहा कि यूएनआरडब्ल्यूए पर महासचिव का पूर्ण विश्वास है। आयुक्त जनरल पियरे क्रैनबहल ने इस वर्ष यूएनआरडब्ल्यूए के अप्रत्याशित वित्तीय संकट से निपटने के लिए तेजी से प्रयास किए हैं। बता दें कि यह एजेंसी मध्य एशिया में फिलिस्तीनी शरणार्थियों की मदद करती है।