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ताइवान जाएंगे अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव एलेक्स अजार, 1979 में टूटा था दोनों देशों का संबंध

1979 के बाद पहली बार अमेरिका अपने मंत्री को ताइवान भेज रहा है।

By Monika MinalEdited By: Published: Wed, 05 Aug 2020 09:38 AM (IST)Updated: Wed, 05 Aug 2020 09:38 AM (IST)
ताइवान जाएंगे अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव एलेक्स अजार, 1979 में टूटा था दोनों देशों का संबंध
ताइवान जाएंगे अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव एलेक्स अजार, 1979 में टूटा था दोनों देशों का संबंध

वाशिंगटन, एएफपी। अमेरिकी स्वास्थ्य और मानव सेवा सचिव, एलेक्स अजार (Alex Azar)  आने वाले दिनों में ताइवान का दौरा करेंगे। 1979 में ताइपेई और वाशिंगटन के बीच  राजनयिक संबंध खत्म हो गया था। पिछले 6 सालों में ताइवान जाने वाले एलेक्स एजार पहले अमेरिकी स्वास्थ्य सचिव और कैबिनेट मंत्री है। बता दें कि ताइवान को चीन आइसोलेट करने की मांग कर रहा है। 

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हेल्थ एंड ह्यूमन सर्विसेज डिपार्टमेंट ने मंगलवार को बताया कि यह किसी उच्चस्तरीय अमेरिकी कैबिनेट अधिकारी का ताइवान में 6 सालों में पहला दौरा होगा। 2014 में तत्कालीन पर्यावरण संरक्षण एजेंसी के एडमिनिस्ट्रेटर गिना मैककार्थी ताइवान गए थे। इसके बाद चीन के विदेश मंत्रालय ने विरोध जताया था। चीनी मंत्रालय ने अमेरिका को प्रतिबद्धताओं का उल्ल्घंंन करने का दोषी करार दिया था। चीन का कहना था कि ताइपेइ के साथ केवल अनाधिकारिक तौर पर अमेरिका संपर्क कर सकता है। के बाद यह किसी अमेरिकी अधिकारी का पहला उच्चस्तरीय दौरा होगा। 

अमेरिका और ताइवान के बीच 1979 में औपचारिक द्विपक्षीय संबंध समाप्त होने के बाद से किसी अमेरिकी कैबिनेट मंत्री की यह पहली यात्रा होगी। अमेरिका और चीन के बीच पहले से मौजूद तनाव इस यात्रा के कारण और बढ़ सकता है। चीन ताइवान पर अपना दावा पेश करता आया है। अमेरिका और चीन के बीच दक्षिण चीन सागर, व्यापार, प्रौद्योगिकी और कोरोना वायरस महामारी से निपटने के तरीके को लेकर पहले ही तनाव मौजूद है।

ताइवान में अमेरिका के दूतावास के रूप में काम करने वाले ‘अमेरिकी इंस्टीट्यूट इन ताइवान’ ने बुधवार को बताया कि अजार की ‘ऐतिहासिक यात्रा अमेरिका और ताइवान के संबंधों को मजबूत करेगी और कोविड-19 वैश्विक महामारी से निपटने के लिए अमेरिका और ताइवान के बीच सहयोग बढ़ाएगी।'

अजार ने एक बयान में कहा, ‘ताइवान कोविड-19 वैश्विक महामारी के दौरान और उससे पहले भी वैश्विक स्वास्थ्य के मामलों में सहयोग और पारदर्शिता की मिसाल रहा है।’ चीन ताइवान और अमेरिका के बीच किसी भी प्रकार के आधिकारिक संपर्क का विरोध करता रहा है। एआईटी ने कहा कि यात्रा की विस्तृत जानकारी बाद में दी जाएगी।


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