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उत्तर कोरिया की आर्थिक मदद करने को अमेरिका तैयार, लेकिन रखी एक शर्त

अमेरिकी विदेश मंत्री ने कहा कि उत्तर कोरिया की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए अमेरिका तैयार है।

By Arti YadavEdited By: Published: Sat, 12 May 2018 09:36 AM (IST)Updated: Sat, 12 May 2018 10:10 AM (IST)
उत्तर कोरिया की आर्थिक मदद करने को अमेरिका तैयार, लेकिन रखी एक शर्त
उत्तर कोरिया की आर्थिक मदद करने को अमेरिका तैयार, लेकिन रखी एक शर्त

वॉशिंगटन (आइएनएस)। उत्तर कोरिया की आर्थिक मदद करने के लिए अमेरिका तैयार हो गया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने शुक्रवार को घोषणा करते हुए कहा कि अमेरिका, उत्तर कोरिया की आर्थिक सहायता प्रदान करने के लिए तैयार है, लेकिन इसके लिए किम को प्रायद्वीप को हथियार मुक्त बनाने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।

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माइक पोंपियो ने कहा कि यदि उत्तरी कोरिया जल्द परमाणु निरस्त्रीकरण के लिए बोल्ड एक्शन लेता है, तो दक्षिण कोरिया के साथ संयुक्त राज्य अमेरिका आर्थिक तंगी से गुजर रहे उत्तर कोरिया की मदद करेगा। वॉशिंगटन प्रतिबंधों के माध्यम से उत्तर कोरिया पर दबाव बनाए रखने की योजना बना रहा है। इन प्रतिबंधों का उद्देश्य उत्तर कोरिया और चीन के बीच व्यापार में बाधा डालना है। अमेरिका नहीं चाहता है कि चीन के साथ उत्तर कोरिया व्यापार करे।

दक्षिण कोरिया चाहता है कि जब तक प्योंगयांग अपने परमाणु हथियारों से छुटकारा पाने के लिए ठोस और सार्थक कार्रवाई नहीं करता है तब तक उस पर लगे प्रतिबंधों को ना हटाया जाए। उन्होंने यह बात अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरियाई नेता किम जोंग उन के बीच 12 जून को होने वाली ऐतिहासिक बैठक की तैयारियों के लिए दक्षिण कोरिया के विदेश मंत्री कांग क्युंग वाह से वार्ता के बाद कही।

सिंगापुर में 12 जून को होगी ट्रंप और किम की मुलाकात
बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और उत्तर कोरिया का तानाशाह किम जोंग उन के बीच मुलाकात की तारीख और जगह तय हो गई है। ट्रंप और किम सिंगापुर में 12 जून को मिलेंगे। दोनों देशों के नेताओं की ये पहली मुलाकात होगी। पोम्पेओ ने कहा कि उनका लक्ष्य कोरियाई प्रायद्वीप के पूर्ण और सत्यापित परमाणुकरण को प्राप्त करना है।

मिसाइल परीक्षण नहीं करने पर अमेरिका ने स्वीकारा प्रस्ताव
शाह ने बताया कि ट्रंप और किम के मुलाकात के प्रस्ताव को स्वीकार करने से पहले उत्तर कोरिया इस बात पर सहमत हुआ कि वह बैलिस्टिक मिसाइल और परमाणु परीक्षण नहीं करेगा। उसने यह भरोसा भी दिया कि वह अमेरिका-दक्षिण कोरिया के संयुक्त सैन्य अभ्यास पर कुछ नहीं बोलेगा।


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