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जल्द ही अमेरिकी दूतावास यरुशलम स्थानांतरित किया जाएगा: टिलरसन

ट्रंप की इस घोषणा के बाद अरब और यूरोपीय देशों में चौतरफा उनकी आलोचना की गई। ट्रंप की इस घोषणा से अमेरिकी विदेश नीति ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया है।

By Srishti VermaEdited By: Published: Thu, 07 Dec 2017 12:05 PM (IST)Updated: Thu, 07 Dec 2017 04:33 PM (IST)
जल्द ही अमेरिकी दूतावास यरुशलम स्थानांतरित किया जाएगा: टिलरसन
जल्द ही अमेरिकी दूतावास यरुशलम स्थानांतरित किया जाएगा: टिलरसन

वाशिंगटन (आइएएनएस)। अमेरिका जल्द ही इजरायल में अपना दूतावास ताल अवीव से यरुशलम स्थानांतरित करने वाला है।  इस बात की जानकारी अमेरिकी राज्य सचिव रेक्स टिलरसन ने दी है। उन्होंने कहा कि ट्रंप के आदेश के बाद अपने सहयोगियों से विचार कर जल्द ही इस दिशा में कदम उठाए जायेंगे। आपको बता दें कि बुधवार को अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने एक टेलीविजन पर अपने संबोधन में यरुशलम को इजरायल का राजधानी घोषित कर दिया था और राज्य विभाग को अमेरिकी दूतावास को वहां स्थानांतरित करने का आदेश दिया था।  

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गौरतलब है ट्रंप की इस घोषणा के बाद अरब और यूरोपीय देशों में चौतरफा उनकी आलोचना की गई। ट्रंप की इस घोषणा से अमेरिकी विदेश नीति ने एक नाटकीय मोड़ ले लिया है। वर्तमान में यूरोप के दौरे पर गए टिलरसन ने कहा कि अमेरिका ने इस इलाके में अमेरिकियों की रक्षा के लिए कई कदम उठाए हैं और अपने नागरिकों की सुरक्षा हमारी पहली प्राथमिकता है। उन्होंने कहा जल्दू ही नए दूतावास में आर्किटेक्ट, इंजीनियर नियुक्त किये जायेंगे।

दूसरी तरफ अमेरिका के डेमोक्रेटिक सीनेटर टिम काइने ने कहा कि पूरे दुनिया से आ रही प्रतिक्रिया गलत है। उन्होंने यह भी कहा कि इस निर्णय के प्रभाव को लेकर राज्य विभाग के अधिकारियों की सुरक्षा को लेकर चिंतित हूं। अन्य डेमोक्रेटिक नेता नैन्सी पेलोसी ने यह भी कहा कि इजरायल और फिलिस्तीनियों में तनाव के बीच अमेरिका का यरुशलम दूतावास स्थापित करना निर्विवाद रुप से बड़े पैमाने पर तनाव पैदा कर सकता है। सीनेटर मार्को रुबियो ने कहा, "यह घोषणा सही दिशा में की गई है। अमेरिकी का दूतावास बनने के बाद यरुशलम आधिकारिक तौर पर इजरायल की राजधानी बन जाएगी। हालांकि ट्रंप के इस निर्णय के बाद अरब नेताओं ने उन्हें चेतावनी दी है कि अगर ऐसा किया गया तो मध्यपूर्वी देशों में उथल-पुथल मच जाएगी।

यद्यपि अमेरिकी कांग्रेस ने 1995 के यरूशलम दूतावास अधिनियम को पारित किया था, जिसके लिए ताल अवीव से यरुशलम में दूतावास को स्थानांतरित करने की आवश्यकता थी। गौरतलब है कि, मुसलमानों का तीसरा सबसे पवित्र स्थल और यहूदियों का पवित्रतम स्थल यरूशलेम आज इजरायल और फिलीस्तीनियों के बीच विवाद का केंद्र बन गया है। अंतर्राष्ट्रीय बिरादरी ने यरुशलम को इजरायल की राजधानी के रूप में मान्यता नहीं दी है और इस शहर में किसी भी देश का दूतावास भी नहीं है। 

यह भी पढ़ें : जानें, आखिर इजरायल और फलस्तीन के लिए क्यों अहम है यरूशलम, क्या है विवाद


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