हुआवेई पर अमेरिका ने कसा शिकंजा, एनटाइटी लिस्ट में इसके 38 सहयोगी कंपनियों के नाम
कोरोना वायरस हांग कांग में चीन का राष्ट्रीय सुरक्षा कानून और फिर भारत के प्रति चीन का हिंसक रवैया बीजिंग के खिलाफ अमेरिका को गुस्सा दिलाने के लिए काफी है।
वाशिंगटन, एएनआइ। चीन की टेक कंपनी हुआवेई पर शिकंजा कसते हुए अमेरिका ने अपने फॉरेन डायरेक्ट प्रोडक्ट से जुड़े नियमों में बदलाव किया है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने इसे चीन की कम्युनिस्ट पार्टी का हिस्सा करार देते हुए कहा कि ट्रंप प्रशासन हुआवेई को चीनी सत्तारूढ़ पार्टी की निगरानी का अहम हिस्सा मानती है। पोम्पियो ने इस फैसले का मकसद अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा और देश के लोगों की प्राइवेसी बताई।
इस क्रम में चीन के हुआवेई (Huawei) पर लगाए गए प्रतिबंधों को अमेरिका ने और बढ़ा दिया है। इससे अब कंप्यूटर चिप और अन्य टेक्नोलॉजी तक हुआवेई की पहुंच को सीमित करना है। कॉमर्स डिपार्टमेंट ने एक बयान जारी कर कहा कि दुनिया भर में हुआवेई की 38 सहयोगी कंपनियों को एनटाइटी लिस्ट में शुमार किया गया है।
अमेरिकी प्रशासन की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में कहा गया है कि हुआवेई, अमेरिकी पुर्जों को थर्ड पार्टी कंपनियों की मदद से खरीद रही थी। ऐसा करके वह प्रतिबंध को विफल करने में सफल हो रही थी। अमेरिका ने जिन कंपनियों को प्रतिबंधित किया है वे सब 21 देशों में मौजूद हैं। प्रेस रिलीज से यह स्पष्ट है कि हुआवेई को अमेरिका की बड़ी कंपनियों के साथ बिजनेस करने से रोकना राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन का अहम लक्ष्य है। अमेरिका के वाणिज्य मंत्री विल्बर रॉस ने कहा है कि हुआवेई और उसकी सहयोगी कंपनियों ने 'अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा और विदेश नीति के हितों को कमजोर करने वाले तरीकों से अमेरिकी टेक्नोलॉजी का प्रयोग करने के लिए तीसरे पक्ष के माध्यम से काम किया है।'
विदेश मंत्री माइक पोम्पियो ने ट्वीट कर कहा कि ट्रंप प्रशासन हुआवेई को उसी नजर से देखता है जो वो है- चीन कम्यूनिस्ट पार्टी की निगरानी स्टेट का अहम हिस्सा। पोंपियो के अनुसार नए प्रतिबंधों को लगाने का मकसद है अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा, अमेरिकी नागरिकों की निजता और बीजिंग के खतरनाक प्रभाव 5जी बुनियादी ढांचे की अखंडता को बचाना।