अमेरिका: 1998 दूतावास हमले के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट से राहत, मुआवजा देने की अनुमति
1998 में नैरोबी केन्या दार एस सलाम और तंजानिया में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर अल कायदा द्वारा हमला किया गया था।
वॉशिंगटन, एपी। यूएस सुप्रीम कोर्ट ने 1998 में केन्या और तंजानिया समेत अन्य देशों में स्थित दूतावासों पर हुए हमले के पीड़ितों को राहत राशि देने की अनुमति दे दी है। बता दें कि 1998 में नैरोबी, केन्या, दार एस सलाम और तंजानिया में स्थित अमेरिकी दूतावासों पर अल कायदा द्वारा हमला किया गया था जिसमें 224 लोगों की मौत हुई थी और हजारों लोग जख्मी हो गए थे। अमेरिकी सुप्रीम कोर्ट ने अफ्रीकी देश सूडान पर 4.3 अरब डॉलर का जुर्माना लगाया है। जुर्माने की यह धनराशि इस बम विस्फोटों के पीड़ितों के परिवारों को दी जाएगी।
सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में उन सभी मुकदमों को शामिल किया है जो पीड़ितों और उनके परिवारों द्वारा सुडान के लिए खिलाफ दायर किए गए थे। कोर्ट के इस फैसले से इन परिवारों को राहत मिली है। इन मुकदमों में सुडान पर अल-कायदा और इसके नेता ओसामा बिन लादेन का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है। बिन लादेन 90 के दशक में सुडान में रहता था।
बता दें कि इस हमले में सैकड़ों लोगों की जान चली गई थी जबकि हजारों लोग जख्मी हुए थे। जिसके बाद 2001 में पीड़ितों और उनके परिवारों ने अमेरिकी अदालत में सूडान के खिलाफ अपील दायर की थी। जिसमें सूडान पर अल-कायदा और इसके नेता ओसामा बिन लादेन का समर्थन करने का आरोप लगाया गया है सूडान पर अलकायदा को इस हमले में सहायता प्रदान करने का भी आरोप था।
जस्टिस बेट्स ने अपने निर्णय में कहा कि सूडान ने आतंकियों को शरण दी और उन्हें अपने आतंकी मंसूबों को पूरा करने के लिए हथियार और रसद की आपूर्ति भी की।