अरब प्रायद्वीप में अमेरिकी अंतरिक्ष बल की हुई तैनाती
US Space Force अमेरिका के अंतरिक्ष बल ने अपने 20 एयरमैन को अरब प्रायद्वीप में तैनात किया गया है। पिछले साल ही अंतरिक्ष में अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर स्पेस कमांड लॉन्च किया था।
दुबई, एपी। हाल में ही गठित अमेरिकी अंतरिक्ष बल अपने सैनिकों की तैनाती अरब प्रायद्वीप में कर रहा है। स्पेस फोर्स के 20 एयरमैन अब कतर के अल-उदीद ( Al-Udeid Air Base) एयर बेस में तैनात हैं। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भेजे गए फोर्स अमेरिकी सेना की छठी शाखा और 1947 में वायु सेना के निर्माण के बाद से पहली नई सैन्य सेवा का प्रतिनिधित्व करता है। अब क्षेत्र में ईरान के मिसाइल कार्यक्रम, जाम, हैक और ब्लाइंड सैटेलाइट के प्रयासों से अमेरिका के सामने नए खतरे हैं।
पिछले साल ही अंतरिक्ष में अपनी स्थिति मजबूत बनाने के लिए अमेरिका ने आधिकारिक तौर पर स्पेस कमांड लॉन्च किया था। ट्रंप प्रशासन की ओर से नई यूएस स्पेस फोर्स के गठन की दिशा में यह काफी अहम कदम है। यूएस स्पेस फोर्स अमेरिकी सेना की छठी शाखा है जो अंतरिक्ष जगत में देश का दबदबा बढ़ाएगी। बाहरी अंतरिक्ष में भविष्य में जंग हो सकता हे लेकिन अरब रेगिस्तान पहले ही दुनिया का पहला स्पेस वॉर देख चुकी है जिसे मिलिट्री एक्सपर्ट दुनिया का पहला स्पेस वॉर कहते हैं- कुवैत से इराकी सैन्यबल को हटाने के लिए जिस रेगिस्तानी तूफान की 1991 में शुरुआत हुई थी। ईरान के मिसाइल प्रोग्राम से क्षेत्र में नए खतरों का सामना अमेरिका कर रहा है।
अमेरिका ने 16 जनवरी 1991 को इराक के खिलाफ 'ऑपरेशन डेजर्ट स्टॉर्म' की शुरुआत की थी। अगस्त 1990 में इराकी तानाशाह सद्दाम हुसैन ने कुवैत पर हमला बोला, तब अमेरिका समेत 38 देश उसके खिलाफ हो गए। इस जंग को 'गल्फ वॉर' के नाम से जाना जाता है। इस जंग के दौरान भारत ने 'ऑपरेशन एयरलिफ्ट' में कुवैत से डेढ़ लाख भारतीय नागरिकों को सुरक्षित निकाल दिया था।