Loc पर घुसपैठ को लेकर US ने लगाई पाक को लताड़, कहा- सख्ती से करे आतंकियों पर कार्रवाई
अमेरिका ने पाकिस्तान द्वारा मीडिया और अन्य समूहों पर लगाए जा रहे प्रतिबंध को लेकर भी चिंता व्यक्त की है।
वाशिंगटन डीसी, एएनआइ। संयुक्त राज्य अमेरिका (America) ने एलओसी (LoC) पर आतंकियों की सक्रियता को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) को जमकर फटकार लगाई है। अमेरिका ने कहा है कि हम चाहते हैं कि पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मुहम्मद जैसे आतंकी समूहों के खिलाफ सख्ती से कार्रवाई करे, जो नियंत्रण रेखा पर हिंसा भड़काने का काम कर रहे हैं।
दक्षिण एशिया में मानवाधिकार की स्थिति पर अमेरिकी कांग्रेस की सुनवाई के दौरान दक्षिण और मध्य एशिया के लिए सहायक विदेश मंत्री ऐलिस जी वेल्स ने ये बयान दिया। उन्होंने कश्मीर के मुद्दे पर बोलते हुए वेल्स ने कहा कि अमेरिका शांतिपूर्ण ढंग से विरोध करने वाले कश्मीरियों के अधिकारों का समर्थन करता है, लेकिन उन लोगों के कार्यों की निंदा करता है जो हिंसा का उपयोग करके शांति को भंग करना चाहते हैं।
इसके अलावा भारत के खिलाफ लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों से जहर उगलने वाले पाकिस्तान को विदेश मंत्री ऐलिस ने जमकर लताड़ लगाई है। उन्होंने पाकिस्तान द्वारा मीडिया और अन्य समूहों पर लगाए जा रहे प्रतिबंध को लेकर भी चिंता व्यक्त की है।
अमेरिका ने मंगलवार को कहा कि पाकिस्तान में सिविल सोसाइटी, मीडिया और अन्य समूहों को सरकार की नीतियों का विरोध करने को लेकर लगातार प्रतिबंधों का सामना करना पड़ रहा है। यही नहीं देश में नागरिकों को लगातार मानवाधिकारों के हनन और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है, जिसको लेकर हम बेहद चिंतित हैं।
उन्होंने उल्लेख किया कि दर्जनों पाकिस्तानियों को मौत की सजा दी गई है या ईशनिंदा के आरोपों में उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। ऐलिस वेल्स ने कहा, 'पाकिस्तान में 2018 में नगरिकों द्वारा चुने गए दो सरकारों के बीच सत्ता के शांतिपूर्ण हस्तांतरण का स्वागत करते हैं, लेकिन सिविल सोसाइटी, मीडिया और अन्य समूहों पर प्रतिबंधों पर गहरी चिंता है।'
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तानी नागरिकों को उनके विश्वास के कारण मानवाधिकारों के हनन और भेदभाव का सामना करना पड़ रहा है। पाकिस्तान के ईशनिंदा कानूनों के कारण दर्जनों पाकिस्तानियों को मौत की सजा मिली है या जेल में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है।
वेल्स ने कहा कि भारत और पाकिस्तान दोनों को द्विपक्षीय वार्ता शुरू करने और नियंत्रण रेखा पर तनाव कम करने की आवश्यकता है ताकि दोनों पक्षों के लोग शांति और सम्मान के साथ रह सकें।