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रूस ने दो अमेरिकी सांसदों को नहीं दिया वीजा, जानें- क्या रही वजह

अमेरिकी सांसद जॉनसन ने कहा कि मुझे रूसी सांसदों से सीधी वार्ता की उम्मीद थी। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने के लिए जमीन तैयार करने में मदद मिल सकती थी।

By Dhyanendra SinghEdited By: Published: Wed, 28 Aug 2019 10:46 PM (IST)Updated: Wed, 28 Aug 2019 10:48 PM (IST)
रूस ने दो अमेरिकी सांसदों को नहीं दिया वीजा, जानें- क्या रही वजह
रूस ने दो अमेरिकी सांसदों को नहीं दिया वीजा, जानें- क्या रही वजह

वाशिंगटन, द न्यूयॉर्क टाइम्स। रूस के अधिकारियों ने दो अमेरिकी सांसदों को वीजा देने से मना कर दिया है। दोनों रूस के राष्ट्रपति भवन क्रेमलिन के आलोचक बताए जाते हैं। इसको लेकर दोनों देशों के बीच तनाव और बढ़ सकता है।

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अमेरिकी सांसद रॉन जॉनसन और क्रिस्टोफर एस मर्फी की अपने एक अन्य साथी माइक ली के साथ अगले हफ्ते रूस जाने की योजना थी। दोनों विदेश मामलों की संसदीय समिति के सदस्य हैं। वे रूसी अधिकारियों से मिलना चाहते थे।

जॉनसन ने कहा, 'मुझे रूसी सांसदों से सीधी वार्ता की उम्मीद थी। इससे दोनों देशों के बीच संबंधों को बेहतर करने के लिए जमीन तैयार करने में मदद मिल सकती थी। दुर्भाग्यवश रूसी अधिकारी कूटनीतिक गेम खेल रहे हैं। इस अपमान की परवाह किए बगैर मैं रूस के आक्रामक रवैये पर सख्त प्रतिक्रिया देना जारी रखूंगा और जब भी संभव होगा खरी बात करूंगा।'

जबकि मर्फी ने आरोप लगाया कि रूसी अधिकारी हमारे दौरे को बाधित कर अपने देश को और अलग-थलग कर रहे हैं। उन्होंने कहा, 'हथियार नियंत्रण समझौते का खत्म होना और व्लादिमीर पुतिन के शासन का अपने ही मुल्क में विरोध होना दोनों देशों के बिगड़ते संबंधों के लिए खतरनाक क्षण हो सकता है। यह शर्म की बात है कि इसके बावजूद रूस बात करने में दिलचस्पी नहीं दिखा रहा।'

रूस बोला, काली सूची में है नाम
रूसी दूतावास ने एक बयान में कहा, 'जॉनसन ने अपने प्रस्तावित दौरे के बारे की सूचना नहीं दी थी। रूस के खिलाफ उनके बेबुनियाद आरोपों से कोई संदेह नहीं रह जाता। वह बातचीत के लिए नहीं बल्कि तकरार के लिए तैयार हैं।' जबकि रूस के विदेश मंत्रालय ने कहा कि सरकार की काली सूची में जॉनसन का नाम है।

क्रीमिया को लेकर दोनों सांसद मुखर
साल 2014 में यूक्रेन से क्रीमिया को अलग करने को लेकर दोनों सांसदों ने रूस के प्रति मुखर रवैया अपना रखा हैं। उन्होंने रूस पर प्रतिबंध लगाने का भी आह्वान किया है। अमेरिका में 2016 में हुए राष्ट्रपति चुनाव में दखल देने को लेकर रूस पर सख्त प्रतिबंध लगाने के लिए संसद में लाए गए एक प्रस्ताव का मर्फी ने समर्थन किया था।

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