अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने चीन को सुनाई खरी-खरी, कहा- हिमालय क्षेत्र में अन्य देशों को धमका नहीं सकता ड्रैगन
माइक पोंपियो ने कहा आप उन समुद्री क्षेत्रों के लिए दावा नहीं कर सकते जिन पर आपका कोई अधिकार नहीं है। आप हिमालय क्षेत्र में दूसरे देशों को धमका और परेशान नहीं कर सकते।
वाशिंगटन, प्रेट्र। अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने पूर्वी लद्दाख में भारत के साथ हिंसक झड़प सहित पड़ोसी देशों के साथ चीन के आक्रामक रवैये की कड़ी आलोचना की है। उन्होंने कहा कि हिमालय क्षेत्र में बीजिग दूसरे देशों को धमका और परेशान नहीं कर सकता।
दूसरे देशों को धमका और परेशान नहीं कर सकते
लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन में माइक पोंपियो ने कहा कि ब्रिटिश विदेश मंत्री डॉमनिक राब के साथ उनकी बातचीत में चीन प्रमुख मुद्दों में से एक था। पोंपियो ने कहा, 'आप उन समुद्री क्षेत्रों के लिए दावा नहीं कर सकते, जिन पर आपका कोई अधिकार नहीं है। आप हिमालय क्षेत्र में दूसरे देशों को धमका और परेशान नहीं कर सकते। आप ऐसा नहीं कर सकते कि विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं के साथ काम भी करते रहें और उनका इस्तेमाल अपने किए कृत्यों को छिपाने के लिए भी करें।'
चीन के खिलाफ कार्रवाई पर अमेरिका ने ब्रिटेन को सराहा
चीन का सामना करने के लिए और कदम उठाने के ब्रिटेन के सवाल पर पोंपिओ ने यह जवाब दिया। उन्होंने कहा, 'मैं इस तरह से नहीं सोचता। हमारा मानना है कि दुनिया को मिलकर काम करने की जरूरत है, चीन सहित सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय प्रणाली के तहत काम करना चाहिए जो कि अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए उचित एवं सुसंगत है।' हांगकांग से प्रत्यर्पण संधि निलंबित करने और फाइव जी नेटवर्क से हुआवे को बाहर करने पर अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने ब्रिटेन की प्रशंसा भी की। बता दें कि पोंपियो और राब के बीच बातचीत ब्रिटेन द्वारा हांगकांग के साथ प्रत्यर्पण संधि निलंबित किए जाने के कुछ घंटों बाद हुई।
चीन के ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास को बंद करने को कहा
उधर, अमेरिका ने चीन के खिलाफ कठोर कदम उठाते हुए बीजिंग को ह्यूस्टन स्थित महावाणिज्य दूतावास को 72 घंटे में बंद करने को कहा। डोनाल्ड ट्रंप प्रशासन के इस कदम से बीजिंग बुरी तरह भड़क गया है। उधर, चीन के विदेश मंत्रालय ने अमेरिका के इस कदम पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि यह हैरत में डालने वाला कदम है। चीन ने कहा कि यह अमेरिका का पागलपन कदम है। इससे दोनों देशों के संबंध और खराब होंगे। यह अमेरिका का एक तरफा कदम है।