ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर अमेरिका ने कहा, तेल टैंकरों पर हमले का जवाब देना जरूरी
होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) के करीब तेल टैंकरों पर हुए हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है।
वाशिंगटन, आइएएनएस/एपी। ओमान की खाड़ी में दो तेल टैंकरों पर हमले के जवाब में अमेरिका, ईरान के खिलाफ सैन्य कार्रवाई पर विचार कर रहा है। अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोंपियो ने यहां कहा, 'तेल टैंकरों पर हुए हमले का करारा जवाब देने के लिए कई विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। इसमें सैन्य कार्रवाई भी शामिल है। राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को भी इस बारे में सूचित किया गया है।'
पोंपियो ने यह भी कहा कि हमले का जवाब दिया जाना जरूरी है लेकिन हम ईरान के साथ तनाव और नहीं बढ़ाना चाहते। एक न्यूज चैनल को दिए इंटरव्यू में पोंपियो ने कहा, 'राष्ट्रपति ट्रंप ने ईरान के साथ युद्ध टालने का हर संभव प्रयास किया है। हम युद्ध नहीं चाहते।'
बता दें कि हाल में होर्मुज जलडमरूमध्य (स्ट्रेट) के करीब तेल टैंकरों पर हुए हमले के लिए अमेरिका ने ईरान को जिम्मेदार ठहराया है। जबकि ईरान ने इससे साफ इन्कार किया है। ईरान के विदेश मंत्री मुहम्मद जवाद जरीफ का कहना है कि ईरान के खिलाफ अपने आर्थिक आतंकवाद की नीति पर पर्दा डालने के लिए अमेरिका यह आरोप लगा रहा है। वर्ष 2015 में हुए ईरान परमाणु समझौते से खुद को अलग करने के बाद अमेरिका ने ईरान पर कई प्रतिबंध लगा दिए थे। इसकी वजह से दोनों देशों में टकराव की स्थिति है।
दस दिन में संवर्धित यूरेनियम भंडार की सीमा बढ़ाएगा ईरान
ईरान की परमाणु एजेंसी के प्रवक्ता बहरूज कमलवंदी ने कहा है कि अगले दस दिनों में हम संवर्धित यूरेनियम के अपने भंडार की सीमा को बढ़ाने की दिशा में कदम बढ़ाएंगे। वर्ष 2015 में हुए परमाणु समझौते के तहत ईरान 3.67 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की 300 किलोग्राम मात्रा रख सकता है। बहरूज ने कहा कि ईरान को 20 प्रतिशत तक संवर्धित यूरेनियम की जरूरत है इसीलिए यूरेनियम संवर्धन क्षमता भी बढ़ाई जाएगी। परमाणु हथियार बनाने के लिए 90 फीसद संवर्धित यूरेनियम की जरूरत होती है। 20 से 90 फीसद संवर्धित यूरेनियम बनाने की प्रक्रिया आसान है।
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