जानें, अमेरिका ने चीन के किस कदम को सराहा, भारत की भी बल्ले-बल्ले, पाक का निकला दम
पुलवामा आतंकी हमले के बाद भारत की बड़ी राजनयिक जीत हुई है। सुरक्षा परिषद में भारत के दृष्टिकोण को सही ठहराते हुए चीन को झुकने के लिए बाध्य किया गया।
वाशिंगटन, जेएनएन। संयुक्त राष्ट्र द्वारा पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी संगठन जैश-ए-मुहम्मद प्रमुख मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित किए जाने के बाद अमेरीका की प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर इस्लामाबाद को आगाह किया है। उन्होंने पाकिस्तान सरकार से कहा है कि वह अपने देश में संचालित आतंकी संगठनों के खिलाफ निरंतर और सख्त कार्रवाई करे। उन्होंने कहा कि संयुक्त राष्ट्र पाकिस्तान में आतंकवाद को जड़ से खत्म करने और दक्षिण एशिया में सुरक्षा और स्थिरता के लिए प्रतिबद्ध है। संयुक्त राष्ट्र के इस कदम से यह सिद्ध होता है कि भारत के पक्ष और दृष्टिकोण की अंतरराष्ट्रीय जगत में स्वीकार किया गया है। सुरक्षा परिषद में मसूद पर नकेल लगाना इस बात को प्रमाणित करता है कि भारत की मांग जायज है। वहीं दूसरी ओर पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान की विश्व विरादरी में थू-थू हुई है।
बोला अमेरिका, चीन का कदम सकारात्मक
ट्रंप प्रशासन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि दस वर्ष बाद चीन ने जेएम प्रमुख मसूद अजहर के वैश्विक आतंकवादी घोषित करने वाले प्रस्ताव पर हरी झंडी दी है। वरिष्ठ अधिकारी ने चीन के इस कदम को सकारात्मक कहा है। उन्होंने कहा कि चीन का यह फैसला स्वागत योग्य है। व्हाइट हाउस के एक अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर कहा कि 'मुझे लगता है कि चीन को यह बात समझ में आ गई कि अंतरराष्ट्रीय मंच अब आतंकवाद पर सख्त रूख अपना रहा है। आतंकवाद को लेकर अंतरराष्ट्रीय मंचों पर तेजी से बदलाव आ रहा है।'
ट्रंप प्रशासन की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि यह कदम पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इमरान खान द्वारा आतंकवाद पर नकेल कसने की उनकी प्रतिबद्धता और पाकिस्तान की समृद्धि और विकास के लिए क्षेत्रीय स्थिरता को बनाए रखने में उनकी स्वीकार्यता के अनुरूप है। बता दें कि पुलवामा आतंकी हमले के बाद से ही मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने की पहल अमेरिका एवं यूरोपीय देशों ने शुरू कर दिया था। लेकिन सुरक्षा परिषद में चीनी अवरोध के कारण दिक्कत हो रही थी। चीन की हां करते ही मसूद को वैश्विक आतंकवादी घोषित कर दिया गया।
2009 में भारत ने यूएन में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया
पिछले 10 वर्षों में संयुक्त राष्ट्र में यह चौथा मौका था, जब यह प्रस्ताव पेश किया गया। इससे पहले 2009 और 2016 में भारत ने यूएन के सेक्शन कमेटी 1267 में अजहर पर प्रतिबंध लगाने का प्रस्ताव पेश किया था। अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के सामने जैश-ए-मुहम्मद सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी घोषित करने का प्रस्ताव पेश किया था। मसूद पठानकोट वायुसैनिक अड्डे पर जनवरी 2016 में हुए हमले का भी मास्टरमाइंड था। 2016 के प्रस्ताव में भारत के साथ पी-3 देश थे। उस समय अमेरिका, ब्रिटेन और फ्रांस ने साथ दिया था। 2017 में इन्हीं पी-3 देशों ने यूएन में ऐसा ही प्रस्ताव पेश किया था। लेकिन हमेशा की तरह चीन ने यूएन में प्रस्ताव मंजूर होने की राह में रोड़े अटका दिए थे। हालांकि चीन की तरफ से अभी तक अमेरिका, फ्रांस और ब्रिटेन के इस नए प्रस्ताव पर कोई बयान नहीं आया है।