जानिए, USA की इस शीर्ष सूची में भारत का नाम शामिल, आसान हुई रक्षा डील
इस सूची में भारत समेत 36 देशों के नाम शामिल हैं। एसटीए-1 की सूची में शामिल भारत दक्षिण एशिया का एकमात्र मुल्क है।
वाशिंग्टन [ एजेंसी ]। भारत के साथ रक्षा और सुरक्षा सहयोग में विस्तार को जारी रखते हुए अमेरिका ने आज अपनी सामरिक व्यापार प्राधिकरण (एसटीए-1) की सूची में भारत का नाम नामित किया है। इस सूची में भारत समेत 36 देशों के नाम शामिल हैं। एसटीए-1 की सूची में शामिल भारत दक्षिण एशिया का एकमात्र मुल्क है। इस सूची में नामित अन्य एशियाई मुल्कों में जापान और दक्षिण कोरिया का नाम भी है। भारत समेत इस सूची में शामिल सभी देश अब अमेरिका से उच्च सामरिक उत्पादों की बिक्री आसानी से कर सकेंगे।
अमेरिकी वाणिज्य सचिव विल्बर रॉस ने आज घोषणा की हमने भारत सामरिक व्यापार प्राधिकरण को मंजूरी दे दी है। उन्होंने कहा कि अमेरिका के निर्यात नियंत्रण व्यवस्था में भारत की स्थिति में यह एक महत्वपूर्ण बदलाव है। अमेरिकी चैंबर ऑफ कॉमर्स द्वारा आयोजित पहले 'इंडो-पैसिफ़िक बिजनेस' फोरम में एक प्रश्न का उत्तर देते हुए रॉस ने कहा कि भारत उसके सुरक्षा और आर्थिक संबंधों के लिए काफी अहम है। इसलिए उसे इस सूची में स्थान दिया गया।
अमेरिका ने इस सूची में नामित देशों के लिए निर्यात नियंत्रण की प्रक्रिया को सरल और आसान बनाया है। इस सूची में शामिल देशों को अमेरिका से अधिक उन्नत और संवेदनशील प्रौद्योगिकियों को खरीदने की राह आसान हो गई है। अब इसके लिए आसानी से अनुमति प्राप्त की जा सकती है।
बता दें कि अमेरिका ने वर्ष 2016 में भारत को एक 'प्रमुख सुरक्षा पार्टनर' के रूप में मान्यता प्रदान की थी। इसके बाद उसने आज भारत को अपनी एसटीए-1 की सूची में शामिल किया। इस सूची में शामिल करके अमेरिका ने यह संकेत दिया है कि दक्षिण एशिया में भारत उसका निकटम सहयोगी है।
इसके पूर्व अमेरिका के दक्षिण तथा मध्य एशियाई मामलों की प्रमुख उप सहायक मंत्री एलिस वेल्स ने कहा था कि भारत और अमेरिका के बीच सामरिक भागीदारी कानून व्यवस्था तथा मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार जैसी तमाम साझा प्रतिबद्धताओं पर आधारित है। उन्होंने नई दिल्ली का दक्षिण एशिया में प्रगाढ़ होते संबंधों का भी समर्थन किया था।
वेल्स ने कहा था कि भारत-अमेरिका सामरिक साझेदारी कानून व्यवस्था, नौवहन की स्वतंत्रता, लोकतांत्रिक मूल्यों तथा मुक्त एवं निष्पक्ष व्यापार को बनाए रखने की साझा प्रतिबद्धताओं पर दृढ़ता से कायम हैं। रक्षा तथा सुरक्षा सहयोग को विस्तारित करते रहने की हमारी योजना है। साथ ही हम क्षेत्र भर में भारत के बढ़ते संबंधों का समर्थन करते है।